वाशिंगटन: हाल ही में एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने तत्कालीन सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन से कहा था कि वह यूक्रेन को मिलने वाली करोड़ों डॉलर की मदद को तब तक रोकना चाहते हैं वहीं जब तक यह देश आगामी राष्ट्रपति चुनाव में विरोधी पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन के खिलाफ जांच में सहायता नहीं कर रहे है.
मिली जानकरी के अनुसार खुलासे से सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी और पार्टी के समर्थकों के चेहरे पर शिकन पड़ गई है. इसकी वजह यह है कि महाभियोग का सामना कर रहे ट्रंप और उनके समर्थकों पर एक आरोप यह भी है कि उन्होंने यूक्रेन की मदद जानबूझ कर रोकी है और ट्रंप समर्थकों का इसका जवाब में कहना है कि बिडेन की खिलाफ जांच और यूक्रेन की मदद रोकने में कोई संबंध नहीं है. जंहा इस बात का दावा है कि पर व्हाइट हाउस की अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. साथ ही डोनाल्ड ट्रंप के महाभियोग में उनकी मदद कर रहे जॉय सेक्लूय की तरफ से भी कोई बयान नहीं आया है. बोल्टन के इस मामले में वकील चार्ल्स कूपर ने भी फिलहाल कोई सफाई नहीं दी है.
कांग्रेस से असहमत थे ट्रंप: रिपोर्ट्स के अनुसार विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर यूक्रेन को मदद देने के लिए ट्रंप पर दबाव डाल रहे थे क्योंकि कांग्रेस की इसमें सहमति थी लेकिन अगस्त 2019 में बोल्टन के साथ बातचीत में ट्रंप ने कहा कि जब तक यूक्रेन के अधिकारी बिडेन के खिलाफ जांच में सहयोग नहीं करते, तब तक वे इस देश को मदद देना नहीं चाहेंगे. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति भवन ने बोल्टन को यह निर्देश भी दिया कि वह और अन्य अधिकारी जांच में सहयोग न करें.
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