वाशिंगटन: अमेरिका में अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद हिंसक प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है. इस हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विद्रोह अधिनियम को लागू करने की धमकी दी. बता दें कि यह सदियों पुराना कानून है, जो राष्ट्रपति को देश में हो रही घरेलू हिंसा को नियंत्रित करने के लिए अमेरिकी आर्मी को भेजने का अधिकार देता है.
व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि, 'यदि कोई शहर या राज्य अपने निवासियों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए जरुरी कार्रवाई करने से इनकार करता है, तो मैं संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना को तैनात करूंगा और उनकी समस्या का जल्द निराकरण करूंगा.' उल्लेखनीय है कि 25 मई के मिनेसोटा में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. महज 20 डॉलर के जाली नोट चलाने के आरोप में जॉर्ज को गिरफ्तार किया गया था और एक पुलिस वाले ने उसे जमीन पर गिराकर उसकी गर्दन को पांव से तब तक दबाए रखा जब तक उसकी जान नहीं निकल गई.
इसी घटना से अमेरिका में भारी आक्रोश है. ना केवल अश्वेत समुदाय के लोग बल्कि श्वेत भी इस मामले को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं. अमेरिका के सड़कों पर उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं. व्हाइट हाउस के बाहर भी प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को भारी विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे. प्रदर्शन और हिंसा के दौर के बीच शनिवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करते हुए कहा था कि, 'लिबरल गवर्नर्स और मेयर्स को हिंसा के खिलाफ सख्त रुख अपनाना चाहिए. यदि ऐसा नहीं होता तो फेडरल गवर्नमेंट इसमें कदम रखेगी और वो करेगी, जिसमें हमारी आर्मी को असीमित शक्ति मिलेगी और वह कई गिरफ्तारियां कर सकते हैं.
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