वॉशिंगटन: ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि अमेरिका भारत की रक्षा आवश्यकता को आधुनिक प्रौद्योगियों और साजो सामान के साथ पूरा करने में सहायता करने के लिए तैयार है. इसी के साथ उसने चेताया है कि भारत का रूस से लंबी दूरी का ‘एस-400 मिसाइल रक्षा तंत्र’ खरीदने से सहयोग पर प्रभाव पड़ सकता है. ट्रंप प्रशासन का यह बयान अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा कुछ हफ्ते पहले दी गई ऐसी ही एक चेतावनी के बाद आया है.
उल्लेखनीय है कि अधिकारी ने कहा था कि भारत के रूस से मिसाइल तंत्र खरीद के भारत-अमेरिका रक्षा संबंध पर ‘गंभीर-निहितार्थ’ होंगे. गौरतलब है कि ‘एस-400’ रूस का सबसे आधुनिक जमीन से हवा तक लंबी दूरी वाला मिसाइल रक्षा तंत्र है. चीन 2014 में इस तंत्र की खरीद के लिए सरकार से सरकार के बीच अनुबंध करने वाला पहला देश बन गया था.
पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच गत वर्ष अक्टूबर में अनेक मुद्दों पर विचार विमर्श के बाद भारत और रूस के बीच पांच अरब डॉलर में ‘एस-400’ हवाई रक्षा तंत्र खरीद करार पर हस्ताक्षर किए गए थे. विदेश मंत्रालय की विशेष अधिकारी एलिस जी वेल्स ने एशिया, प्रशांत एवं परमाणु अप्रसार के लिए विदेश मामलों में सदन की उपसमिति को जानकारी देते हुए बताया कि अमेरिका अब किसी अन्य देश के मुकाबले भारत के साथ सबसे ज्यादा सैन्य अभ्यास करता है.
World Cup 2019 : अफगानिस्तान को आज करना होगा दक्षिण अफ्रीकी चुनौती का सामना
SCO समिट में 7 बार एक-दूसरे से टकराए पीएम मोदी और इमरान खान, आखिर हो ही गई दुआ-सलाम
पाकिस्तान से आने वाली ट्रेन को भारत में नहीं मिला प्रवेश