पितृ पक्ष का आरंभ 29 सितंबर 2023 से हो चूका है. अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की इंदिरा एकादशी 10 अक्टूबर 2023 को रखा जाएगा. इंदिरा एकादशी के दिन व्रत करने से इंसान को यमलोक की यातना का सामना नहीं करना पड़ता. इस दिन मघा श्राद्ध किया जाएगा. अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है. एकादशी का व्रत मनुष्य को पाप कर्मों से मुक्त करता है. वर्ष की सभी एकादशी अहम है मगर पितृ पक्ष में आने वाली इंदिरा एकादशी का बात विशेष है. ग्रंथों में बताया गया है कि श्राद्ध के दिनों में विष्णु पूजा करने से भी पितर तृप्त हो जाते हैं.
एकादशी श्राद्ध का महत्व
एकादशी श्राद्ध अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने तथा उन्हें याद करने का एक सार्थक तरीका है। मान्यता है कि इसको करने से दिवंगत लोगों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त बाद के जीवन में उनका निरंतर अस्तित्व सुरक्षित रहता है। कहते हैं कि एकादशी श्राद्ध जीवित और मृत लोगों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है।
एकादशी श्राद्ध का तरीका:-
एकादशी श्राद्ध पर पितरों के लिए तर्पण करने के साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। इस दिन पर गाय, कौवे, कुत्ते और चींटियों को भी भोजन खिलाना चाहिए। तिल, अन्न, चावल और दूध का दान अहम माना जाता है। यदि कोई चाहे तो किसी पुरोहित की सहायता से पिंडदान संस्कार करा सकता है।
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