प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की एकादशी को देवउठनी एकादशी का त्योहार मनाया जाता है। शास्त्रों में इस दिन का खास महत्व बताया गया है। देवउठनी एकादशी पर प्रभु श्री विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और चातुर्मास समाप्त होता है। इसका अर्थ है कि चार महीने से बंद पड़े शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। इस वर्ष देवउठनी एकादशी 12 नवंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस दिन दान तथा पुण्य करते हैं, उनके घर में कभी धन-धान्य और सुख-समृद्धि की कमी नहीं रहती। आइए आपको बताते हैं कि देवउठनी एकादशी को क्या दान करना चाहिए।
देवउठनी एकादशी पर क्या दान करें?
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, देवउठनी एकादशी के दिन व्रत करने और दान करने से प्रभु श्री विष्णु प्रसन्न होते हैं। यदि आप इस एकादशी का व्रत नहीं कर पा रहे हैं, तो भी दान अवश्य करें। देवउठनी एकादशी व्रत का पारण करने के पश्चात् ब्राह्मण को दक्षिणा भी दी जाती है। इसके अलावा, इस दिन अन्न का दान सबसे महत्वपूर्ण माना गया है।
देवउठनी एकादशी के दिन धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, उड़द तथा गुड़ का दान करना बेहद शुभ होता है। इसके अतिरिक्त, कपड़ों का दान भी किया जाता है। इस दिन पीले वस्त्र दान करने का विशेष महत्व है। सिंघाड़ा, शकरकंदी, गन्ना, केला और मौसमी फलों का दान करना भी लाभकारी माना गया है। इन वस्तुओं के दान से प्रभु श्री विष्णु प्रसन्न होते हैं तथा घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
दान करते समय ध्यान रखें ये बातें
देवउठनी एकादशी पर मुरली, हल्दी, मोर पंख एवं शंख आदि का दान करना शुभ माना गया है। दान करते समय ध्यान रखें कि इस दान-दक्षिणा के बारे में किसी को न बताएं, क्योंकि दान को छिपाकर करना चाहिए। अगर आप इन सभी चीजों का दान इस पावन दिन पर करते हैं, तो इससे आपका आर्थिक लाभ होगा और जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहेगी।
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