सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि को अत्यंत पवित्र माना गया है। हर माह आने वाली इस तिथि का विशेष महत्व है, किन्तु कार्तिक मास की पूर्णिमा, जिसे कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है, सबसे अधिक शुभ और कल्याणकारी मानी जाती है। इस दिन का आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है, तथा इसे देवताओं का पर्व "देव दीपावली" के रूप में भी मनाया जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा का समय
कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान दान का शुभ मुहूर्त प्रातः 4 बजकर 58 मिनट से लेकर 5 बजकर 51 मिनट तक रहेगा. साथ ही इस दिन चंद्रोदय शाम 4 बजकर 51 मिनट पर होगा.
कार्तिक पूर्णिमा पर दान का महत्व
दान-पुण्य का कार्य इस दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर कुछ विशेष चीजों का दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। आइए, जानते हैं इन महत्वपूर्ण चीजों के दान के बारे में:
अन्न का दान
हिंदू धर्म में अन्न का दान सर्वोत्तम माना गया है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गरीब और जरूरतमंदों को अन्न का दान करने से घर में अनाज की कमी नहीं होती और अन्नपूर्णा देवी का आशीर्वाद मिलता है। माना जाता है कि अन्न का दान करने से व्यक्ति के घर में समृद्धि आती है और उनका आशीर्वाद जीवन में स्थायित्व लाता है।
दूध का दान
कार्तिक पूर्णिमा पर दूध का दान बहुत ही शुभ माना गया है। दूध का दान करने से परिवार में उन्नति होती है तथा कभी भी धन की कमी नहीं होती। मान्यता है कि दूध का दान करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे परिवार में सदा धन-धान्य बना रहता है।
कपड़ों का दान
इस दिन वस्त्रों का दान भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। निर्धनों को कपड़े दान करने से समाज में मान-सम्मान मिलता है और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है। यह विश्वास किया जाता है कि कपड़ों का दान करने से व्यक्ति को दोगुना लाभ प्राप्त होता है और उसे जीवन में सम्मान की प्राप्ति होती है।
गुड़ का दान
गुड़ का दान भी अत्यंत लाभकारी माना गया है। कार्तिक पूर्णिमा पर गुड़ का दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। गुड़ के दान से दरिद्रता दूर होती है, घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और मां लक्ष्मी की कृपा से जीवन में धन की कमी नहीं होती।
तिल का दान
तिल का दान कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। तिल का संबंध भगवान शिव और शनिदेव से बताया गया है। इस दिन तिल का दान करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, और शनि दोष से राहत मिलती है। तिल के दान से व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति और सुरक्षा का अनुभव होता है।
इस विधि से करें महापर्व छठ व्रत का पारण, इन बातों का रखें ध्यान
कब है देव दीपावली? यहाँ जानिए शुभ मुहूर्त
अपने जीवन में जरूर अपनाएं ये 3 चीजें, कभी खत्म नहीं होती है बरकत