अमृतसर: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई है, क्योंकि वह 70 वर्षीय किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने में विफल रही है। दल्लेवाल 26 नवंबर से शंभू बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर हैं और उनकी हालत गंभीर है। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और किसान मजदूर मोर्चा के प्रमुख नेता दल्लेवाल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और किसानों से जुड़े अन्य मुद्दों पर सुधार की मांग कर रहे हैं।
जस्टिस सूर्यकांत और सुधांशु धूलिया की बेंच ने पंजाब की भगवंत मान सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि सरकार कानून और व्यवस्था बनाए रखने में असमर्थ रही, तो इसके "संवैधानिक परिणाम" होंगे। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सख्त टिप्पणी करते हुए पूछा, "ऐसी स्थिति बनने दी ही क्यों गई? क्या प्रदर्शनकारियों की भीड़ सरकार को निर्देश देने लगी है कि गंभीर हालत में एक व्यक्ति को मेडिकल सुविधा भी न मिले?"
पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने अदालत को बताया कि दल्लेवाल को हजारों किसानों ने घेर रखा है। इन किसानों ने वेल्डेड ट्रैक्टरों से बैरिकेड बना रखे हैं, जिससे मेडिकल टीम वहां तक पहुंचने में असमर्थ है। उन्होंने यह भी कहा कि इस भीड़ को हटाने की कोई भी कोशिश स्थिति को और बिगाड़ सकती है। सिंह ने बताया कि किसान एमएसपी पर केंद्र सरकार के आश्वासन के बिना आंदोलन खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि पंजाब सरकार प्रदर्शनकारियों का प्रवक्ता बनने की कोशिश न करे। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि दल्लेवाल अस्पताल में इलाज के दौरान भी अपना विरोध जारी रख सकते हैं। जस्टिस कांत ने कहा, "क्या प्रदर्शनकारी अपने ही नेता को मरने देना चाहेंगे? यह साथियों का दबाव है, न कि वास्तविक समर्थन।"
केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी स्थिति की गंभीरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर दल्लेवाल को समय पर अस्पताल नहीं ले जाया गया, तो इससे प्रदर्शन और बढ़ सकता है। अदालत ने पंजाब सरकार को 31 दिसंबर तक दल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया और कहा कि राज्य केवल एक पंक्ति का हलफनामा पेश करे, जिसमें अदालत के निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी को आदेश दिया कि वे दल्लेवाल को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएं। अदालत ने चेतावनी दी कि यदि दल्लेवाल की हालत और बिगड़ी, तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी बताया कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए पहले ही एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जा चुकी है और प्रदर्शनकारियों से अपनी चिंताएं सीधे इस समिति के सामने रखने की अपील की गई है। इस मामले की अगली सुनवाई 2 जनवरी 2025 को होगी। अदालत ने उम्मीद जताई है कि पंजाब सरकार इस बीच उसके निर्देशों का पालन करेगी।