यह बात तो हम सब जानते है कि दीपावली के अगले दिन ही गोवेर्धन पूजा की जाती है.आज के दी सभी गौमाता का पूजन करते है. ऐसी मान्यता है कि गाय देवी लक्ष्मी का स्वरूप है. भगवान श्रीकृष्ण ने आज ही के दिन इंद्र का अपमान कर गिरिराज पूजन किया था.
– गायों को सुबह स्नान करवाकर फूल- माला, धूप, चंदन आदि से उनकी पूजा की जाती है. गाय के गोबर से गोवर्धन बनाते है.
– पूजा के बाद गोवर्धनजी की सात परिक्रमाएं कर उनकी जय-जयकार करते हुए किया जाता है.
– गोवर्धनजी गोबर से लेटे हुए पुरुष के रूप में बनाए जाते हैं. इनकी नाभि के स्थान पर एक कटोरी या मिट्टी का दीपक रखा जाता है. फिर उसमे दूध, दही, गंगाजल, शहद, बताशे आदि पूजा करते समय डाल दिए जाते हैं और इसके बाद इसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है.
गोवर्धनपूजा में क्या करना चाहिए ?
– गोवर्धन पूजा पूरे विधि-विधान के साथ शुभ मुहूर्त में करें. बेहतर होगा किसी पंडित के द्वारा पूजन किया जाना चाहिए.
– पूजा से पहले प्रात:काल तेल मालिश कर स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है.
– घर के बाहर गोवर्धन पर्वत बनाएं. फिर पूजा करें.
गोवेर्धन पूजा में इन बातो का रखे ध्यान?
– गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का आयोजन बंद कमरे में न करें.
– गायों की पूजा करते हुए ईष्टदेव या भगवान कृष्ण की पूजा करना न भूलें.
– इस दिन चंद्र का दर्शन न करें.
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