तांबे के बर्तन में पानी पीकर ना हो जाएं बीमार, जानिए क्या कहता है आयुर्वेद?

तांबे के बर्तन में पानी पीकर ना हो जाएं बीमार, जानिए क्या कहता है आयुर्वेद?
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हाल के वर्षों में तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल बढ़ा है, खासकर तांबे की बोतलों की लोकप्रियता बढ़ी है। लोग इन बोतलों में पानी पीना पसंद करते हैं, क्योंकि यह माना जाता है कि तांबे के बर्तन में पानी पीने से स्वास्थ्य लाभ होता है, जैसे कि बेहतर पाचन और मजबूत इम्यून सिस्टम। हालांकि, तांबे के बर्तनों का अत्यधिक या गलत तरीके से उपयोग करने से सेहत को नुकसान भी हो सकता है।

तांबे के बर्तन का उपयोग: लाभ और हानि
फायदे:

डाइजेशन में सुधार: तांबा पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे खाद्य पदार्थों का पाचन आसान होता है।
इम्यूनिटी बूस्ट: तांबा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, जिससे संक्रमण और बीमारियों से बचाव होता है।

हानियाँ:
कॉपर टॉक्सिटी: तांबे के बर्तनों से लगातार पानी पीने से शरीर में तांबे की मात्रा बढ़ सकती है, जो कि कॉपर टॉक्सिटी का कारण बनती है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं: अधिक कॉपर प्वाइजनिंग से मिचली, उल्टी, और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
लीवर और किडनी समस्याएं: अत्यधिक कॉपर के कारण लीवर और किडनी को नुकसान हो सकता है।
न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर: लंबे समय तक कॉपर की अत्यधिक मात्रा से न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी हो सकती हैं।

कॉपर टॉक्सिटी का कारण
कॉपर टॉक्सिटी तब होती है जब तांबे के बर्तनों से पानी पीने के दौरान कुछ सावधानियां नहीं बरती जातीं।
गलत तरीके से पानी पीना: अगर तांबे के बर्तन में पानी लंबे समय तक रखा जाता है या बर्तन ठीक से साफ नहीं किया जाता है, तो कॉपर टॉक्सिटी का खतरा बढ़ जाता है।
स्वच्छता की कमी: अगर तांबे के बर्तन को नियमित रूप से साफ नहीं किया जाए, तो यह ऑक्सीडेशन के कारण हानिकारक बैक्टीरिया पैदा कर सकता है।

तांबे के बर्तन का सही उपयोग
स्वच्छता: तांबे के बर्तन को नियमित रूप से गहराई से साफ करें। ऑक्सीडेशन को रोकने के लिए बर्तन को अच्छे से धोना जरूरी है।
गर्म पानी का उपयोग न करें: तांबे के बर्तन में कभी भी गर्म पानी न डालें, क्योंकि गर्म पानी से तांबा हानिकारक कॉपर तत्वों में बदल सकता है।
एसिडिक पदार्थों से बचाव: तांबे के बर्तन में नींबू पानी जैसे एसिडिक पदार्थ न डालें, क्योंकि एसिड तांबे के साथ जल्दी प्रतिक्रिया करता है।

आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
आयुर्वेद के अनुसार, तांबे के बर्तन में पानी पीने के कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं:
पानी का समय: तांबे के बर्तन में रखा पानी 8-10 घंटे पुराना न हो। पानी को रात भर रखने के बजाय सुबह जल्दी पी लें।
सीमित मात्रा में पानी पीना: दिन में केवल एक या दो बार तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने की सलाह दी जाती है। सुबह के समय पानी पीने से तांबा शरीर के लिए लाभकारी होता है।
रोजाना सफाई: तांबे के बर्तन को रोजाना अच्छे से साफ करें ताकि बैक्टीरिया और ऑक्सीडेशन से बचा जा सके।

तांबे के बर्तनों का उपयोग स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जा सकता है, लेकिन सही तरीके से और सावधानियों के साथ ही इसका उपयोग करें। अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए, तांबे के बर्तनों की देखभाल और उचित उपयोग बेहद महत्वपूर्ण हैं।

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