श्रीनगर: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी के तीन दिन बाद भी पड़ोसी मुल्क में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. इस्लामाबाद से लेकर कराची तक पाकिस्तान तहरीक ए इन्साफ पार्टी (PTI) समर्थक सड़क पर उतर कर आगजनी और हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, हिंसा-आगज़नी रोकने में नाकाम रही शाहबाज़ सरकार बेतुके दावे कर रही है. पीएम शहबाज शरीफ के विशेष सहायक अत्ता तरार ने यह दावा किया है कि इस हिंसा में RSS और भाजपा का हाथ है और इन्होंने भारत से लोग भेजे हैं, जो पाकिस्तान में हिंसा और आगजनी कर रहे हैं.
NC President Farooq Abdullah appealed to pray for Pakistan, he said- 'Strong Pakistan is good for us'@JKNC_#FarooqAbdullah #JKNC #Pakistan #ImranKhanArrested #PakistanCrisis pic.twitter.com/lh5JoiWG48
— News18 Kashmir (@News18Kashmir) May 11, 2023
पता नहीं, पाकिस्तान बचेगा भी कि नहीं:-
अब भारत में नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला को भी पाकिस्तान की चिंता सताई है. उन्होंने कहा है कि यह देश बचेगा या नहीं, यह कोई नहीं जानता है. प्रदेश के शोपियां में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान जितना ठीक होगा, उतना ही ठीक हम होंगे. पूर्व सीएम ने 1947 में भारत से अलग होकर इस्लामी मुल्क बने पाकिस्तान के मौजूदा हालात पर बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान में अस्थिरता है, पता नहीं यह देश बचेगा या नहीं. इससे एक दिन पहले यानी बुधवार (10 मई) को उन्होंने कहा कि था कि पाकिस्तान में अस्थिरता हमारे लिए बेहद खतरनाक है. शांति के लिए पाकिस्तान का स्थिर होना बेहद जरूरी है और यह लोगों को लिए भी अच्छा होगा. हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, इतना चिंता अब्दुल्ला ने तब भी नहीं जताई थी, जब 1990 में हज़ारों कश्मीरी हिन्दुओं का कत्लेआम किया गया था और खुद अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री रहते हुए घाटी में कई आतंकी हमले हुए थे. और न ही वे तब इतने परेशान दिखे थे, जब पाकिस्तान में हिन्दुओं-सिखों की बहन-बेटियों का रेप और जबरन धर्मान्तरण किया जा रहा था, जो आज भी जारी है.
आतंकवाद विरोधी अभियान पर अब्दुल्ला का विवादित बयान:-
वहीं, घाटी में आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने विवादित दावा करते हुए कहा कि IB आतंकियों की अहम जानकारी मुहैया कराने वाले 1500 युवाओं को 15000 रुपए प्रति माह दे रही है और जानकारी ले भी रही है, लेकिन शायद वे यह नहीं जानते हैं कि वो (जानकारी देने वाले युवा) भी इसी प्रकार मारे जाएंगे. इसके साथ उन्होंने आरोप लगाया कि, यहां भी लोगों को धर्म के आधार पर बांटा जा रहा है. हिंदू, मुस्लिम और सिख को अलग खड़ा करके धर्म की पहचान नष्ट की जा रही है. इस समय हमें जम्मू कश्मीर की पहचान बचाने की जरूरत है.
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