सागर: मध्य प्रदेश के सागर में आवारा कुत्तों से परेशान चिकित्सक की एक चिट्ठी वायरल हो रही है. यह चिट्ठी चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल, सागर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है. लोग परेशान हैं. कई बार शहरवासियों की शिकायत के पश्चात् भी निगम प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है. इसी बीच शहर के चिकित्सक ने आवारा कुत्तों को सुल्तानपुर एवं पीलीभीत भिजवाने के लिए खर्चे में रियायत मांगी है. सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉ. सर्वेश जैन ने इंतजाम पर तंज कसते हुए मध्य प्रदेश ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन को चिट्ठी लिखी है, जो ख़बरों में है.
चिकित्सक ने आवारा कुत्तों को सुल्तानपुर एवं पीलीभीत भिजवाने के लिए खर्चे में कुछ रियायत करने की मांग की है. चिट्ठी में लिखा है कि हमारे बच्चों को आवारा कुत्तों का ब्रेकफास्ट न बनने दें. डॉ. सर्वेश जैन ने यह चिट्ठी सीएल मुकाती, इंदौर अध्यक्ष, मप्र ट्रांसपोर्ट एसोसिशन को लिखा है. चिट्ठी में बताया गया है कि हमारे शहर सागर में (और हिन्दुस्तान के हर बड़े छोटे शहर में) आवारा कुत्ते (स्ट्रीट डॉग) एक हिंसक खतरा बनकर उपस्थित हैं, मगर पशु प्रेमियों एवं पशु क्रूरता निषेध कानून के कारण हमारे मोहल्लों में कुत्ते हमारे बच्चों को नोच रहे हैं तथा सरकार चुप बैठी है, क्योंकि सरकार सरकारी बंगले में रहती है, जिसके गेट पर एक गार्ड बैठा रहता है.
चिकित्सक ने आगे लिखा- नगर निगम को शिकायत करो तो पंचशील के सिद्धांतों पर आधारित, अहिंसावादी अक्षमता का जवाब प्राप्त होता है. जिस देश में इंसानी हकूक के तो ठिकाने नहीं हैं तथा आम आदमी बिना किसी मानव अधिकार के अपनी जिंदगी जीकर मर जाता है. वहां पशु अधिकार जैसी नफासत की बात करना कुछ अधिक रोमांटिक नहीं हो गया? हमारे बच्चों को कुत्तों के ब्रेकफास्ट बनने से रोकने के लिए आप अपनी एसोसिएशन के जरिए कम किराए में कुत्तों को सुल्तानपुर, पीलीभीत एवं अन्य पशु प्रेमियों के घर ट्रक से पहुंचवाने में सहयोग दें, जिससे पशु प्रेमी अपनी स्वानवंदना के कर्तव्य का निर्वाह कर सकें. बता दें कि चिट्ठी लिखने वाले चिकित्सक मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर हैं.
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