इस दिवाली बम पटाखे जलाते समय भूलकर भी न करें गलती

इस दिवाली बम पटाखे जलाते समय भूलकर भी न करें गलती
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दिवाली का त्योहार जब आता है, तो पटाखों की धूमधाम हर जगह सुनाई देती है। लेकिन तमाम जागरूकता अभियानों के बावजूद, पटाखों से होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या साल-दर-साल बढ़ती जा रही है। हादसों का शिकार सिर्फ बच्चे ही नहीं, बल्कि अनजान राहगीर और बुजुर्ग भी हो रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पटाखों से निकलने वाले धुएं को सांस के जरिए अंदर लेने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी बीमारियाँ और भी गंभीर हो जाती हैं।

छोटी लापरवाही का बड़ा खतरा

दीवाली पर बच्चे और बड़े सभी पटाखे फोड़ने में व्यस्त रहते हैं। छुरछुरी से लेकर बम तक, पटाखे जलाना बच्चों के लिए एक खास एक्साइटमेंट का विषय होता है। लेकिन इस दौरान सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। दीपावली में पटाखे जलाते वक्त होने वाला छोटा सा हादसा जानलेवा भी हो सकता है।

आंखों को सबसे ज्यादा खतरा

पटाखों से आंखों को सबसे अधिक खतरा होता है। छोटे पटाखे आपकी स्किन और आईलैशेज पर जलन पैदा कर सकते हैं, जबकि रॉकेट और भारी पटाखे आंख के कॉर्निया को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर पटाखा रेटिना तक पहुंच गया, तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

आंखों में चोट लगने पर क्या करें?

पटाखों से होने वाली चोटें अक्सर लापरवाही और ध्यान न देने के कारण बढ़ रही हैं। आई स्पेशलिस्ट के मुताबिक, आंखें बहुत कमज़ोर होती हैं और पटाखों से आसानी से चोट लग सकती है। यदि आंख में जलन हो, तो उसे किसी साफ कॉटन पैड से ढंक दें और तुरंत अस्पताल जाएं। अगर आंख में कोई छोटा कण चला जाए, तो आंख को साफ पानी से धोएं और नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।

सावधानी बरतने के उपाय

पटाखे जलाते वक्त कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए:

सुरक्षा उपायों का पालन करें: पटाखे फोड़ते समय गुणवत्ता वाले पटाखों का उपयोग करें और आतिशबाजी वाली जगह से पर्याप्त दूरी बनाएं।

जलने पर प्राथमिक उपचार: जलने पर तुरंत ठंडा पानी डालें और जले हुए हिस्से पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं। हल्की जलन होने पर तुलसी के पत्तों का रस लगाना फायदेमंद होता है।

नारियल का तेल: अगर कोई पटाखे से जल गया है, तो नारियल का तेल लगाएं। इसकी ठंडी तासीर जलन में आराम दिलाती है और निशान नहीं पड़ने देती।

कच्चे आलू का रस: जले पर कच्चे आलू का रस लगाने से भी जलन कम होती है।

ठंडी सिकाई: मामूली जलन होने पर प्रभावित हिस्से पर ठंडा पानी डालें या ठंडी सिकाई करें। इससे घाव, सूजन और दर्द का खतरा कम होता है।​ दीवाली का त्योहार खुशियों और रोशनी का होता है, लेकिन हमें पटाखों से होने वाले संभावित खतरों के प्रति सचेत रहना चाहिए। थोड़ी सी लापरवाही से गंभीर परिणाम हो सकते हैं, इसलिए हमेशा सावधानी बरतें और दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें। इस दिवाली, खुशियाँ मनाने के साथ-साथ अपनी और दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखना न भूलें।

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