लंदन में खालिस्तानियों के विरुद्ध हिंदुस्तानी प्रवासी सड़क पर उतर चुके है, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका में भी सिख नेताओं ने भारतीय दूतावासों पर हमले की निंदा भी की गई। लंदन और सैन फ्रांसिस्को में खालिस्तानियों ने भारतीय दूतावास पर हमला करते हुए तिरंगे झंडे का अपमान किया था और जम कर तोड़फोड़ भी की गई थी। पंजाब में अलगववादी अमृतपाल सिंह के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर ये असामाजिक तत्व भड़क चुके है।
लंदन में भारतीय हाई कमीशन के सामने बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय समाज एकत्रित हुए है। इन्होने माँग की कि लंदन के गवर्नर सादिक खान और स्थानीय प्रशासन दोषियों के विरुद्ध तुरंत कार्रवाई करे। हिंदुस्तान की एकता और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के सम्मान में पूरे ब्रिटेन से इंडियन मूल के लोग जुटे। उन्होंने इस बारें में बोला है कि उन्हें बयान नहीं, कार्रवाई चाहिए। साथ ही ‘जय हो’ गाने पर उन्होंने डांस भी किया है। इस बीच ब्रिटिश सुरक्षाकर्मी भी भारतीयों के साथ नाचते हुए दिखाई दिए।
भारतीय प्रदर्शनकारियों ने बोला है कि रविवार (19 मार्च, 2023) को जिस तरह खालिस्तानियों ने भारतीय दूतावास पर अटैक कर दिया है, जिसके उपरांत उनका कर्तव्य था कि वो सड़क पर उतर गए। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि भारतीय ध्वज के अपमान के प्रति आपत्ति जताना और अपने गुस्से का इजहार करना जरुरी था। उन्होंने बोला है कि तिरंगे के लिए हम सब एक हैं। भारत ने भी ब्रिटेन के राजदूत को तलब कर इस घटना पर आपत्ति भी व्यक्त की है।
इसी तरह सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की निंदा वहाँ के सिख नेताओं ने भी कर दी है। उन्होंने बोला है कि विरोध प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन तोड़फोड़ का नहीं। सिख नेता जसदीप सिंह ने बोला है कि किसी भी रूप में हिंसा स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने लंदन की घटना की भी निंदा की। हालाँकि, उन्होंने कहा कि 10 लाख में से मुट्ठी भर सिखों ने ही ये सब किया और अमेरिका-कनाडा में खालिस्तानियों के प्रभाव वाली बात मीडिया बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहा है।
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