भूलकर भी ना करें पूजा घर से जुड़ी ये गलती, वरना हो जाएंगे कंगाल

भूलकर भी ना करें पूजा घर से जुड़ी ये गलती, वरना हो जाएंगे कंगाल
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वास्तु शास्त्र में पूजा घर का विशेष महत्व होता है। इसे घर की सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है, जहां नियमित रूप से पूजा-पाठ करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। लेकिन वास्तु के अनुसार, पूजा घर में कुछ नियमों का पालन न करना घर की उन्नति और परिवार के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण नियम पूजा घर में रखे जलपात्र से जुड़ा है, जिसे वास्तु शास्त्र में अत्यधिक महत्व दिया गया है।

पूजा घर में जलपात्र का महत्व
पूजा घर में प्रायः विभिन्न पूजन सामग्री जैसे घंटी, धूप, दीपक, और जलपात्र रखा जाता है। जलपात्र में रखे जल को शुद्ध और पवित्र माना जाता है, जो पूजा के दौरान उपयोग होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा घर में रखे जलपात्र को खाली नहीं रखना चाहिए। जलपात्र में हमेशा गंगाजल, सादा पानी या कम से कम तुलसी के पत्ते होने चाहिए।

धार्मिक मान्यता और उसकी भूमिका
हिंदू धर्म में एक मान्यता है कि जब भगवान को प्यास लगती है, तो वे पूजा घर में रखे जलपात्र से जल ग्रहण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि जलपात्र में जल मौजूद है, तो इससे भगवान प्रसन्न रहते हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है। इस स्थिति में घर में धन और समृद्धि का वास होता है। दूसरी ओर, यदि जलपात्र खाली होता है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है और घर में धन की कमी, वित्तीय समस्याएं, और अशांति का कारण बन सकता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार जलपात्र से जुड़े विशेष नियम
जलपात्र का स्थान: 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा घर में जलपात्र को उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र मानी जाती है।

जल का प्रकार: 
जलपात्र में हमेशा शुद्ध जल होना चाहिए। गंगाजल का उपयोग विशेष रूप से किया जा सकता है, लेकिन सादा पानी भी मान्य है। यदि संभव हो तो जल में तुलसी के पत्ते डालना भी शुभ होता है।

जलपात्र का खाली न होना: 
वास्तु शास्त्र के अनुसार, जलपात्र को कभी भी खाली नहीं छोड़ना चाहिए। यदि जल समाप्त हो जाए, तो उसे तुरंत भरना चाहिए। जलपात्र का खाली रहना घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और इससे आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

जलपात्र की नियमित सफाई: 
जलपात्र की नियमित रूप से सफाई करना आवश्यक है। यदि जलपात्र में जल गंदा हो जाए, तो इसे तुरंत बदलकर साफ जल भरना चाहिए। गंदा जल नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है।

घर में जलपात्र से जुड़े दोष और उनके परिणाम
यदि पूजा घर में जलपात्र को वास्तु के अनुसार नहीं रखा जाता, तो इसका प्रभाव पूरे घर पर पड़ सकता है। जलपात्र का खाली या गंदा रहना घर की उन्नति में रुकावट डाल सकता है, जिससे आर्थिक संकट, मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

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