नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भगोड़े इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के सोशल मीडिया पोस्ट का जवाब दिया है। नाइक ने अपने पोस्ट में भारतीय मुसलमानों से वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने की अपील की थी, और वक्फ संपत्तियों की पवित्रता की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया था। नाइक ने एक हदीस का भी उद्धरण दिया जिसमें बुराई को न बदलने पर अल्लाह की सजा का उल्लेख है।
जाकिर नाइक ने क्या कहा था?
दरअसल, रविवार 8 सितंबर को जाकिर नाइक ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "भारतीय वक्फ संपत्तियों को बचाएं, वक्फ संशोधन विधेयक को अस्वीकार करें! आइए हम सब मिलकर वक्फ की पवित्रता की हिफाजत करें तथा मुस्तकबिल की पीढ़ियों के लिए इसे बचाने की तरफ आगे बढ़ें." जाकिर नाइक ने इस के चलते एक हदीस का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया है, “यदि लोग कोई बुराई देखते हैं किन्तु उसे नहीं बदलते, तो जल्द ही अल्लाह उन सभी पर अपनी सजा भेजेगा” जाकिर नाइक ने अपने पोस्ट में आगे कहा, "यह भारत के मुसलमानों के लिए एक आवश्यक अर्जेंट कॉल है कि वे इस बुराई को रोकें, जो वक्फ की पाकीजगी के खिलाफ है एवं इस्लामी संस्थाओं के भविष्य पर बुरा असर डालती है. यदि हम इस विधेयक को पारित होने देंगे, तो हम अल्लाह के अजाब और आने वाली पीढ़ियों की बद्दुआ झेलेंगे. बुराई को रोकें या इस जिंदगी एवं परलोक में इसके दायित्व को भुगतें, वक्फ संशोधन विधेयक को अस्वीकार करें!" आगे उन्होंने लिखा कि भारत के करीब 50 लाख मुसलमानों को वक्फ संशोधन विधेयक को नकारना चाहिए. भारत के मुसलमानों के रूप में, यदि हम मुस्लिम वक्फ संपत्तियों को उम्माह से छीने जाने से नहीं रोक पाते हैं, तो हमें इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा. भगोड़े इस्लामिक उपदेशक ने कहा था कि भाजपा कमज़ोर हो चुकी है, और विपक्ष मजबूत है, अगर 50 लाख मुसलमान भी जोर लगा दें, तो इस बिल को रोका जा सकता है। बता दें कि पूरा विपक्ष भी इस बिल के खिलाफ है और इसे मुस्लिमों के विरुद्ध बता रहा है, ऐसे में भगोड़े प्रचारक जाकिर नाइक की टिप्पणियां बेहद अहम हो जाती हैं कि कहीं ये भारत में बांग्लादेश बनाने की साजिश तो नहीं ? जहाँ लोगों को भड़काकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतार दिया जाए ? अभी तक एक भी विपक्षी नेता ने भगोड़े नाइक के खिलाफ कुछ नहीं बोला है .
किरेन रिजिजू ने किया पलटवार
इसके जवाब में अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जाकिर नाइक के पोस्ट को रीशेयर करते हुए लिखा, "कृपया हमारे देश के निर्दोष मुसलमानों को गुमराह न करें. भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोगों को अपनी राय रखने का हक है. झूठे प्रचार से गलत बयानबाजी होगी."
Please do not mislead the innocent Muslims from outside our country. India is a democratic country and people have the right to their own opinion. False propaganda will lead to wrong narratives. https://t.co/3W3YwtyJjI pic.twitter.com/LwV9Jh1YTg
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 10, 2024
वक्फ एक्ट क्या है?
वक्फ अधिनियम को पहली बार नेहरू सरकार द्वारा 1954 में संसद द्वारा पारित किया गया था। इसके बाद, इसे निरस्त कर दिया गया और 1995 में एक नया वक्फ अधिनियम पारित किया गया, जिसमें वक्फ बोर्डों को और अधिक अधिकार दिए गए। 2013 में, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इसे असीमित अधिकार दे दिए। जिसके बाद ये प्रावधान हो गया कि अगर वक्फ किसी संपत्ति पर दावा ठोंक दे, तो पीड़ित अदालत भी नहीं जा सकता, ना ही राज्य और केंद्र सरकारें उसमे दखल दे सकती हैं। पीड़ित को उसी वक्फ के ट्रिब्यूनल में जाना होगा, जिसने उसकी जमीन हड़पी है, फिर चाहे उसे जमीन वापस मिले या ना मिले। यह भी ध्यान दें कि, अगर आप काशी-मथुरा जैसे अपने किसी मंदिर को अतिक्रमणकारियों द्वारा तोड़ने और वहां कब्जा करने का मामला लेकर अदालत जाएंगे, तो इसी कांग्रेस का पूजा स्थल कानून 1991 आपको रोक देगा, ये कहकर कि 1947 में जिस स्थल का धार्मिक चरित्र जो था, वही रहेगा। लेकिन वक्फ औरंगज़ेब के समय में दान की गई कथित जमीन पर भी कब्जा कर सकता है और फिर भी आप कोर्ट नहीं जा सकते, क्योंकि, कांग्रेस का ही वक्फ कानून आपको रोकेगा। और वक्फ को इसका कोई सबूत पेश करने की भी जरूरत नहीं होगी कि सचमुच ये जमीन उसकी है। क्या कांग्रेस के इन दो कानूनों में विशुद्ध धोखाधड़ी नहीं दिखती, जहाँ गैर-मुस्लिमों से इन्साफ का अधिकार ही छीन लिया गया है ? अगर इस तरह भारत सरकार चन्द्रगुप्त मौर्या के समय का नक्शा इस्तेमाल करके जमीनों पर कब्जा शुरू कर दे, तो कट्टरपंथियों के पास क्या बचेगा ?
वक़्फ़ बोर्ड का काला चिट्ठा सुनिए सुधांशु जी की ज़ुबानी pic.twitter.com/WyuIG676Ap
— Shivam Tyagi (Modi Ka Parivar) (@ShivamSanghi12) September 6, 2024
यही कारण है कि बीते कुछ सालों में वक्फ की संपत्ति दोगुनी हो गई है, जिसके शिकार अधिकतर दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज के लोग ही होते हैं। वक्फ कई जगहों पर दावा ठोंककर उसे अपनी संपत्ति बना ले रहा है और आज देश का तीसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक है। रेलवे और सेना के बाद सबसे अधिक जमीन वक्फ के पास है, 9 लाख एकड़ से अधिक जमीन। देश की 9 लाख एकड़ जमीन सरकार के हाथ से निकलकर वक्फ के हाथ में चली गई और जनता को पता ही नहीं कि देश किसने बेचा ? हर साल वक्फ का सर्वे होता है और उसकी संपत्ति बढ़ जाती है, पूरे के पूरे गांव को वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया जाता है और कहीं सुनवाई भी नहीं होती। गौर करने वाली बात तो ये है कि, रेलवे और सेना की जमीन के मामले अदालतों में जा सकते हैं, सरकार दखल दे सकती है, लेकिन वक्फ अपने आप में सर्वेसर्वा है। उसमे किसी का दखल नहीं और ना ही उससे जमीन वापस ली जा सकती है। मोदी सरकार इसी असीमित ताकत पर अंकुश लगाने के लिए बिल लाइ है, ताकि पीड़ित कम से काम कोर्ट तो जा सके और वक्फ इस तरह हर किसी की संपत्ति पर अपना दावा न ठोक सके। इस बिल को विपक्ष, मुस्लिमों पर हमला बताकर विरोध कर रहा है। सरकार ने विपक्ष की मांग को मानते हुए इसे JPC के पास भेजा है, जहाँ लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सांसद मिलकर बिल पर चर्चा करेंगे और इसके नफा-नुकसान का पता लगाएंगे। JPC के कुछ सदस्यों ने जनता से भी उनका पक्ष रखने के लिए कहा है, देखा जाए तो हर भारतीय को इस पर अपने विचार रखने चाहिए, क्योंकि इस देश की जमीन पर सबका अधिकार है। सुझाव भेजने का पता जॉइंट सेक्रेटरी (JM), लोकसभा सचिवालय, रूम नंबर 440, पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी, नई दिल्ली, पिन कोड 110001 है। फैक्स नंबर 011-23017709 और ईमेल jpcwaqf-lss@sansad.nic.in पर भी सुझाव भेजे जा सकते हैं।
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