नई दिल्ली: मजहब के नाम पर मौलानाओं के अजीबोगरीब बयान अक्सर सामने आते रहते हैं। इनमे से अधिकतर बयानों के निशाने पर मुस्लिम लडकियां और महिलाएं ही रहती हैं। कभी उनके कपड़ों पर नसीहत दी जाती है, तो कभी उनके मेक अप पर टीका-टिपण्णी की जाती है। इसी कड़ी में अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के मौलाना सज्जाद नोमानी का बयान सामने आया है। अब उन्होंने मुसलमानों को भड़काते हुए कहा है कि रमजान के समय लड़कियों को स्कूल/कॉलेज अकेले नहीं भेजना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना हराम है।
Indian Mullah Maulana Sajjad Nomani, listen how he is injecting fear in Muslims parents who have daughters going for Collages & Coaching Classes pic.twitter.com/emFnE3MMoq
— Rizq (@rizuajq) April 25, 2023
रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो इसी रमजान में हुई एक बैठक का बताया जा रहा है, हालाँकि, वीडियो की तारिख और समय स्पष्ट नहीं है। इसमें मौलाना सज्जाद मुस्लिम माता-पिता को भड़काते हुए कहते हैं कि, अपनी बच्चियों को हिजाब पहनने के बाद भी अकेले स्कूल-कॉलेज मत भेजो। ये हराम है हराम। वह आगे कहते हैं कि, 'पाक रमजान की रात में उन लोगों पर लानत भेजता हूँ जो अपनी बच्चियों को अकेले कोचिंग सेंटर या कॉलेज भेजते हैं। अल्लाह उन्हें जहन्नुम में भेजेगा।' वायरल वीडियो में मौलाना सज्जाद मुस्लिम बच्चियों के माता-पिता से पूछते हैं कि, क्या उन्हें (लड़कियों के अम्मी-अब्बू को) पता है उनकी बेटी स्कूल-कॉलेज जाकर क्लास अटेंड करती है या नहीं। या फिर कॉलेज में आकर चुपके से कहीं चली जाती है।
मौलाना सज्जाद ने आगे कहा कि, 'आप यदि बाप हैं। आप यदि मुसलमान है। बल्कि आप अगर शरीफ इंसान हैं और हलाल बाप के रुतबे से पैदा हुए हैं…इससे अधिक मैं क्या सख्त बात कह सकता हूँ… तो ये हराम है कि आप अपनी बच्चियों की तरह से बेफिक्र हों।' मौलाना सज्जाद के अनुसार, जो कोई स्कूल कॉलेजों में अपनी बेटियों को अकेले भेजता है, उसे नरक में जाना चाहिए। नोमानी के मुताबिक, इतना पर्याप्त नहीं है कि किसी की बेटी हिजाब पहनकर स्कूल या कॉलेज जा रही है, माता-पिता का फर्ज है कि उसे अकेले न जाने दिया जाए।
हालाँकि, मौलाना नोमानी के इस बयान के बाद उनसे इस्लामी बुद्धिजीवी ही ख़फ़ा हो गए हैं। इंडियन मुस्लिम फॉऱ सेकुलर डेमोक्रेसी के कन्वेनर जावेद आनंद ने सवाल किया है कि क्या इस बयान में अप्रत्यक्ष रूप से ये नहीं कहा जा रहा कि मुस्लिम लड़कियों को पढ़ाई से दूर रखो। बता दें कि, वर्ष 2021 में जब तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था, तब भी सज्जाद नोमानी ने भारत में इसका जमकर स्वागत किया था। मौलाना सज्जाद नोमानी ने ‘तालिबान के हौसले’ को सलाम करते हुए कहा था कि तालिबान ने विश्व की सबसे ताकतवर फौज को शिकस्त दे दी है। बता दें कि, तालिबान ने भी इस्लाम के नाम पर लड़कियों की शिक्षा पर कई पाबंदियां लगा रखी हैं।
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