कोलकाता: लोकसभा के निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष और पश्चिम बंगाल कांग्रेस इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी लगातार 5 बार सांसद रहने के बाद बेहरामपुर सीट से लोकसभा चुनाव हार गए हैं। चौधरी को बहरामपुर लोकसभा सीट से नए नए नेता बने तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रत्याशी यूसुफ पठान से हराया है। शिकस्त के बाद उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में TMC और कांग्रेस गठबंधन को लेकर सिर्फ मुझे ही दोषी माना जा रहा है। जबकि पूरी बंगाल कांग्रेस इस गठबंधन के विरुद्ध थी।
दरअसल, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में कांग्रेस ने अपनी सीटों में वृद्धि की है, वहीं पश्चिम बंगाल में पार्टी शून्य रही। जबकि यहां से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी खुद चुनावी मैदान में थे। लेकिन, यूसुफ पठान ने बड़ी राजनीतिक एंट्री लेते हुए 5 बार के सांसद को चुनावी मात दे दी है। इसका एक कारण आबादी भी माना जा रहा है, दरअसल, बेहरामपुर सीट मुर्शिदाबाद जिले में आती है, जहां मुस्लिम आबादी 66 फीसद है।
चुनाव हारने के बाद अधीर रंजन चौधरी ने एक बयान में कहा, चुनाव में ही ममता बनर्जी ने मेरे खिलाफ बाहरी उम्मीदवार को उतारा था। बता दें कि, युसूफ पठान गुजरात से आते हैं। चौधरी ने आगे कहा कि, इसके साथ ही उन लोगों ने नारा दिया था कि दादा को वोट नहीं बल्कि भाई को वोट दो। हालाँकि, बंगाल में बड़े भाई को ही दादा कहते हैं, लेकिन बंगाल पर कई सालों से शासन करने वाली TMC ने इस बार नारा बदल दिया। इस नारे का मतलब था कि अधीर (दादा) को वोट मत दो बल्कि पठान (भाई) को वोट दो।
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