अशोकनगर: मध्यप्रदेश में चुनाव हारने के पश्चात् कई नेताओं के लिए एक खास डायलॉग, 'चिंता मत करो, टाइगर अभी जिंदा है,' मंच से कहना एक परंपरा बन गई है। जब शिवराज सिंह चौहान 2018 में बीजेपी की सरकार नहीं बना पाए थे, तो उन्होंने भी मंच से यही डायलॉग दिया था। बाद में जब सिंधिया चुनाव हार गए, तो उन्होंने भी यही बात कही। दिलचस्प बात यह है कि दोनों की सत्ता में वापसी हो गई। अब यही डायलॉग बीजेपी के पूर्व सांसद केपी यादव ने भी मंच से दोहराया है।
अशोकनगर के मुंगावली में आयोजित श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव के चलते पूर्व सांसद केपी यादव ने एक जनसभा को संबोधित किया तथा पहली बार अपने 'दर्द' का इज़हार किया। उन्होंने कहा, "कुछ लोग मुझे देखकर कुछ कह नहीं रहे थे, लेकिन उनकी आंखों और चेहरों पर उदासी साफ नजर आ रही थी। मगर चिंता न करें, बंशीवाले (भगवान कृष्ण) पर भरोसा रखें क्योंकि 'टाइगर अभी जिंदा है।'"
पूर्व सांसद के इस डायलॉग को सुनकर मंच पर उपस्थित ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी विधायक ब्रजेंद्र सिंह यादव हंसने लगे। गौरतलब है कि केपी यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया को पराजित कर पूरे देश में सुर्खियां बटोरी थीं। हालांकि, सिंधिया के भाजपा में सम्मिलित होने के बाद पार्टी ने केपी यादव का टिकट काट दिया था। आम चुनाव से पहले केपी यादव का टिकट कटने पर यादव समाज के लोगों में भाजपा के प्रति नाराजगी उत्पन्न हो गई थी। इस नाराजगी से बीजेपी को नुकसान होने का डर सता रहा था। इसीलिए एक चुनावी सभा में आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यादव वोटरों को साधते हुए कहा था, "आप केपी की चिंता न करें, उनका ध्यान हम रखेंगे।"
इससे लोगों को उम्मीद थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे से खाली हुई सीट से केपी यादव को राज्यसभा भेजा जाएगा। हालांकि, राज्यसभा चुनाव में भी केपी यादव को नहीं भेजा गया। इस बीच, अपने समर्थकों एवं समाज के लोगों के बीच केपी यादव का यह बयान चर्चा का विषय बन गया है।
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