हम आपको बता दें दूब घास पर जब ओस पड़ी हो तो उस पर चलने मात्र से नेत्र ज्योति बढ़ती है। साथ साथ सिरदर्द और तनाव के लिए भी दूब काफी लाभदायक है। जिन लोगों को अक्सर तनाव रहता है ऐसे लोग दूब घास को पीसकर उसका लेप अपने पैरों में लगाएं। ऐसा करने पर मस्तिष्क को ठंडक मिलती है और दिमाग की उथल-पुथल शांत हो जाती है। इसके अलावा जिन लोगों को अक्सर सिर दर्द रहता हो वे लोग दूब घास को पीसकर उसमें थोड़ा सा चूना मिला लें। फिर इस मिश्रण को सिर पर लगाएं।
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इस तरह काम आती है दुबा
हम आपको बता दें इससे सिरदर्द से बहुत आराम मिलता है। इसके अलावा भी दूब घास के बहुत सारे लाभ होते हैं। दूब का काढ़ा बनाकर उससे कुल्ला करने से छाले मिट जाते हैं साथ ही साथ अगर इसे पीसकर इसका लेप मस्तिष्क पर लगाएं तो इससे नकसीर भी बंद हो जाती है। चूंकि दूब घास की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसके ताजे रस का इस्तेमाल मिर्गी, हिस्टीरिया आदि मानसिक रोगों में भी किया जाता है।
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और भी है कई फायदे
इसी के साथ दूब घास को हरा रक्त भी कहा जाता है। यह खून बढ़ाने में मददगार होता है। एनीमिया रोग में इसका रस पीने से काफी लाभ होता है। स्तनापान कराने वाली महिलाओं के लिए दूब का सेवन बहुत लाभकारी होता है साथ ही इसके इस्तेमाल से महिलाओं संबंधी कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे- ल्यूकोरिया, यूरीन इंफेक्शन आदि का उपचार किया जाता है।
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