नई दिल्ली: देशभर को कोरोना महामारी की तीसरी लहर देखने के लिए मिल रही है और इसी के चलते वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है। अब वैक्सीन लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है। अब इन सभी के बीच SC ने कहा है कि, 'देश में कोविड स्थितियों और प्रशासनिक जटिलताओं को देखते हुए, घर-घर जाकर टीकाकरण का निर्देश देना संभव नहीं है, खासकर जब टीकाकरण उचित रूप से आगे बढ़ रहा हो।' जी दरअसल हाल ही में जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ ने डोर टू डोर वैक्सीनेशन समेत एक अन्य जनहित याचिका पर विचार करने से भी इनकार कर दिया।
आप सभी को बता दें कि इस याचिका में हरेक कोविड की मौत के मामले में परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की गई थी। केवल यही नहीं बल्कि यह मांग चिकित्सा में लापरवाही के आधार बनाते हुए कि गई थी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह नहीं माना जा सकता है कि इतनी बड़ी संख्या में दुर्भाग्य से जो मौतें कोविड के कारण हुई, उन सभी के पीछे चिकित्सकीय लापरवाही वजह रही हो। हम महज ऐसा अनुमान नहीं लगा सकते हैं।
वहीँ बात करें कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के बारे में तो देशभर में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ा दी गई है। अब कई ऐसे राज्य भी हैं जिसकी 100 प्रतिशत आबादी कोरोना की पहली वैक्सीन ले चुकी है। जी दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट को माने तो अब तक देश भर में 70 करोड़ से ज्यादा टीके लग चुके हैं।
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