नई दिल्ली: देश में जहां एक ओर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर राष्ट्रीय शोक का माहौल था, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सांसद और विपक्ष के प्रमुख नेता राहुल गांधी वियतनाम में नए साल का जश्न मनाने चले गए। यह खबर भाजपा की ओर से सामने आई है, जिसने कांग्रेस और गांधी परिवार की गंभीरता पर सवाल उठाए हैं। हालाँकि, कांग्रेस ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है, लेकिन गांधी के प्राइवेट विदेश दौरे से कोई इंकार नहीं किया गया है।
डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में देश शोक मना रहा है और राहुल गांधी वियतनाम में पार्टी कर रहे हैं असली 'युवराज' तो बस मौज-मस्ती में माहिर है
— ocean jain (@ocjain4) December 30, 2024
शर्म करो राहुल pic.twitter.com/0bne8PGqEI
बता दें कि, डॉ मनमोहन के निधन पर देशभर में 7 दिन का राजकीय शोक घोषित है, विधानसभा, सचिवालय समेत महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों में लगे राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया है। इसके अलावा कोई भी औपचारिक या सरकारी कार्यक्रम या आधिकारिक मनोरंजन पर भी प्रतिबंध रहता है। इस दौरान सिर्फ विशेष काम ही किए जाते हैं। लेकिन, देश में राजकीय शोक होने के बावजूद राहुल गांधी का न्यू ईयर मनाने विएतनाम जाना, कई सवाल खड़े कर रहा है। क्या गांधी परिवार सचमुच डॉ मनमोहन सिंह का सम्मान करता है, या वे उनके लिए सिर्फ एक सियासी मोहरा थे, जिनके जरिए राजनितिक लाभ लिया जा सके ?
उल्लेखनीय है कि, 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हो गया था। उनके निधन पर पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया और उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। निगमबोध घाट पर उनके अंतिम संस्कार के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई बड़े नेता मौजूद थे।
Rahul Gandhi has hit a new low. While India pays tribute to Dr. Manmohan Singh this entitled brat is busy holidaying in Vietnam. No leader, no loyalty, no shame. Congress deserves to sink with him. pic.twitter.com/qqzjkTgV61
— Prof cheems ॐ (@Prof_Cheems) December 30, 2024
भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला किया। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा, “जब देश प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मना रहा है, तब राहुल गांधी नए साल का जश्न मनाने के लिए वियतनाम चले गए हैं। गांधी परिवार और कांग्रेस सिखों से नफरत करते हैं। यह कभी मत भूलिए कि इंदिरा गांधी ने दरबार साहिब का अपमान किया था।” भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी को “पर्यटन का नेता” करार देते हुए कहा, “राहुल गांधी ने विपक्ष के नेता का मतलब विपक्ष के नेता से बदलकर पर्यटन और पार्टी का नेता कर दिया है। ऐसे समय में जब पूरा देश पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक में है, उम्मीद के मुताबिक, राहुल गांधी विदेश दौरे पर निकल गए हैं।”
बता दें कि, इससे पहले, डॉ मनमोहन सिंह के अस्थि विसर्जन का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें गांधी परिवार का कोई सदस्य नजर नहीं आया। कई यूज़र्स ने सोशल मीडिया पर इस घटना की तुलना अटल बिहारी वाजपेयी के अस्थि विसर्जन और अंतिम संस्कार से की, जिसमें भाजपा के कई बड़े और छोटे नेता उपस्थित थे।
मनमोहन सिंह जी का अस्थि विसर्जन दिल्ली में ही किया गया
— ocean jain (@ocjain4) December 29, 2024
मगर कांग्रेस का कोई भी नेता मनमोहन सिंह जी के अस्थि विसर्जन में नहीं गया
दूसरी तरफ अटल जी के अस्थि विसर्जन में पूरी बीजेपी वहां थीpic.twitter.com/kEbadxarRf
कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इस आलोचना का जवाब दिया। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा, “संघी लोग कब इस ‘विभाजन’ की राजनीति को बंद करेंगे? जिस तरह से मोदी सरकार ने डॉ. साहब को यमुना तट पर अंतिम संस्कार के लिए जगह देने से इनकार किया और जिस तरह से उनके मंत्रियों ने डॉ. साहब के परिवार को किनारे लगाया, वह शर्मनाक है। अगर मिस्टर गांधी निजी तौर पर यात्रा करते हैं, तो आपको इससे क्या परेशानी है?”
लेकिन टैगोर का यह बयान राहुल गांधी के प्रति उठ रहे सवालों को शांत नहीं कर सका। यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी के विदेश दौरे विवादों में घिरे हों। अक्सर उनके दौरे को लेकर चर्चाएं होती रही हैं। हाल के वर्षों में, वे ऐसे व्यक्तियों से मुलाकात करते पाए गए हैं, जिनका भारत की राजनीति और विदेश नीति में नकारात्मक प्रभाव रहा है। वे तख्तापलट में माहिर डोनाल्ड लू जैसे लोगों से मिलते हैं, भारत विरोधी और पाकिस्तान परास्त सांसद इल्हाना उमर के साथ उनकी बैठकें होती हैं। तो कभी जॉर्ज सोरोस के साम्राज्य से जुड़ा कोई व्यक्ति उनके साथ नज़र आ जाता है।
राहुल गांधी ने एक बार ब्रिटेन में कहा था कि “भारत में लोकतंत्र खत्म हो रहा है और पश्चिमी देश चुपचाप देख रहे हैं।” इस बयान ने भी काफी विवाद खड़ा किया था कि भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप क्यों माँगा जाए? भारत में न्यायपालिका है, अदालतें हैं, उनके सामने ये सवाल उठाया जा सकता है, जनता के सामने कहा जा सकता है। अब राहुल गांधी का ये दौरा भी एक रहस्यमयी दौरा बन गया है, जिसमे कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से तो उनके दौरे की जानकारी नहीं दी, लेकिन इंकार भी नहीं किया, जैसे टैगोर ने कहा कि मिस्टर गांधी प्राइवेट यात्रा पर जाते हैं तो आपको क्या आपत्ति ?
Rahul Gandhi once again disrespected the late Dr. Manmohan Singh.
— Sunanda Roy ???? (@SaffronSunanda) December 30, 2024
He left for the new year celebration in Vietnam.
Still Chamchas will call him the leader of the masses. ???? pic.twitter.com/kfCVnQsClM
दरअसल, कल तक राहुल-प्रियंका समेत तमाम कांग्रेस, डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर सरकार पर आरोप लगा रही थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सरकार डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार एक स्मारक स्थल पर करने की अनुमति नहीं दे रही थी। हालांकि, सरकार ने इस उद्देश्य के लिए एक समिति बनाने और जमीन चिन्हित करने की मंजूरी दी। इसके बावजूद कांग्रेस का रवैया सवालों के घेरे में आ गया, क्योंकि डॉ. सिंह के शोक का माहौल चंद घंटों में समाप्त हो गया और राहुल गांधी वियतनाम रवाना हो गए।
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एक सांसद और विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी को अपने विदेश दौरे की जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए, एक सांसद को भी सदन में अपने विदेश दौरे की जानकारी देनी होती है, क्योंकि यह देश की सुरक्षा और जनता के हित से जुड़ा मामला है। सवाल यह भी उठते हैं कि कांग्रेस राहुल गांधी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश करती है, तो क्या इस तरह के रहस्यमयी दौरे उनकी गंभीरता को साबित करते हैं?
राहुल गांधी के वियतनाम दौरे ने एक बार फिर कांग्रेस की छवि को लेकर सवाल खड़े किए हैं। भाजपा ने इसे कांग्रेस की “जिम्मेदारियों की उपेक्षा” करार दिया है, जबकि कांग्रेस ने इसे निजी मामला बताया है। लेकिन इस घटनाक्रम ने एक बात स्पष्ट कर दी है कि डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद कांग्रेस के भीतर और बाहर गंभीरता और जिम्मेदारी को लेकर चर्चा तेज हो गई है।