लंदन/जालंधर : यूँ तो सिख धर्म में शराब पीना मना है, लेकिन एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि यू.के. में रहने वाले 27 प्रतिशत सिख शराब पीने के आदी हैं.बता दें कि ब्रिटिश सिखों में शराब की आदत की जांच करने के लिए बीबीसी ने एक सर्वे करवाया था. विशेष बात यह है कि वहां के सिख इस लत से न तो बाहर आ पा रहे हैं और न ही किसी को बता पा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि बीबीसी के द्वारा करीब एक हजार ब्रिटिश सिखों के सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि बड़ी संख्या शराब पीने की आदी है लेकिन ब्रिटिश सिख इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करते हैं. ब्रिटेन में लगभग 4 लाख 30 हजार के करीब पंजाबी रहते हैं. इनमें से जो सिख 50 से 70 के दशक में जो सिख यूके आए वे लंबे समय तक काम करने और परिवारों से दूर रहने के कारण शराब के आदी हो गए.दूसरे देश में नस्ली भेदभाव और भाषा की समस्या ने भी शराब पीने को बढ़ावा दिया.यही कारण है कि झिझक के कारण ब्रिटिश सिखों को शराब की अपनी आदत से छुटकारा नहीं मिल रहा है.
इस बारे में ब्रिटिश पंजाबी मनोवैज्ञानिक राव शेख का कहना है कि यह लोग अपनी कमजोरी या हीन भावना के बारे में बताना नहीं चाहते, जबकि शांति प्रोजेक्ट के साथ जुड़ी जेनिफर शेरगिल का कहना है कि यह लोग सामाजिक रुतबे के कम होने के डर से यह बात सामने ही नहीं आने देना चाहते कि परिवार में कोई शराब पीने का आदी है इसे वे कलंक मानते हैं. दरअसल इस सर्वे का मकसद ही यह था कि शान्ति प्रोजेक्ट , सिख हेल्प लाइन और फस्ट स्टेप जैसे संगठनों से मदद लेकर इस बुरी लत से बाहर आ सके.
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