नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ड्रग्स के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए सख्त कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने तमाम राज्यों में ड्रग नेटवर्क की मैपिंग की है। अपराधी कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगले दो वर्षों में वह जेल में होगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की नीति काफी स्पष्ट है, नशा करने वाले पीड़ित हैं, हमें उनके प्रति संवेदनशील होना चाहिए और पीड़ितों को उनके पुनर्वास के लिए अनुकूल माहौल देना चाहिए, मगर नशा तस्करी में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री बुधवार (21 दिसंबर) को संसद में ‘देश में नशीले पदार्थ के गलत इस्तेमाल की समस्या और इस संबंध में सरकार की तरफ से उठाए गए कदम’ पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने सदन को भरोसे दिलाया कि मोदी सरकार की ऐसी गतिविधियों के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति है। गुजरात के बंदरगाह में बड़े पैमाने पर ड्रग्स मिलने के राहुल गांधी के इल्जाम पर अमित शाह ने कहा कि वह सदन में नहीं हैं, इसलिए नाम नहीं लेना चाहता, मगर उन्हें समझना होगा कि अधिक ड्रग्स बरामद होना बड़ी सफलता है, क्योंकि एजेंसियां अलर्ट हैं। उन्होंने कांग्रेस और भाजपा सरकार के कार्यकाल की तुलना करते हुए कहा कि, 2006 से 2013 में 22।41, जबकि 2014 से 2022 तक 62।60 लाख किलो नशीला पदार्थ पकड़ा गया था।
गृह मंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग, NCB और एंटी-नारकोटिक्स एजेंसियों को एक साथ इस खतरे के विरुद्ध कार्य करना होगा। बॉर्डर्स केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होती हैं, मगर जब हम BSF को अधिकार देते हैं, तो कहा जाता है कि राज्यों के अधिकार छीने जा रहे हैं, अब वहां BSF कैसे काम करेगी? BSF ड्रग्स जब्त करती है, मगर उसे केस दर्ज करने का अधिकार नहीं है। शाह ने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने वाले मादक पदार्थों की तस्करी को प्रोत्साहन दे रहे हैं। बिना अधिकारों के एजेंसियां काम नहीं कर सकतीं, उन्हें अधिकार प्रदान करने होंगे। हमें अपनी एजेंसियों पर भरोसा दिखाना चाहिए।
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