महामारी कोरोना वायरस ने दुनिया को संकट में तो डाला है लेकिन इस संकट से जब दुनिया उबर जाएगी तो काफी कुछ बदलाव भी सामने आएंगे. ये बदलाव किसी देश और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी साफतौर पर दिखाई देंगे. ये बदलाव देश ओर दुनिया के विकास की नई राह खोलेंगे. आइए जानते हैं कैसे हो सकते हैं ये बदलाव.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस संकट की वजह से ही देश भविष्य में इस तरह की महामारी से निपटने की रणनीति तैयार करने पर ध्यान देंगे. इसकी बदौलत न सिर्फ इसके लिए आधारभूत ढांचा तैयार करना होगा बल्कि कुछ दूसरी चीजों पर भी ध्यान देना होगा. अर्थशास्त्र का नियम यहां पर पूरी तरह से लागू होगा. इसका मतलब है कि यदि कोई देश इस तरह की महामारी से लड़ने की रणनीति पर अमल करना शुरू करेगा तो उसे इसके इर्द-गिर्द कई चीजों को तैयार करना होगा. इससे नई नौकरियों का सृजन होगा.
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इसके अलावा बेरोजगारी की दर में कमी आएगी और विकास को गति मिलेगी. आधारभूत ढांचा तैयार करने में भी उस क्षेत्र का विकास संभव हो सकेगा. भविष्य में मुमकिन है स्वास्थ्य सेवाएं अब से कहीं अधिक बेहतर हो सकेंगी. वहीं लोगों का इम्यून सिस्टम भी मजबूत होगा. लोग मांसाहार को छोड़कर शाकाहार की तरफ मुड़ेंगे. इसकी एक झलक चीन में दिखाई देनी शुरू हो गई है. वही, कोरोना संकट ने हमें समझाया है कि दूरी भी किसी बीमारी से बचाव का बड़ा उपाय बन सकता है. यही वजह है कि आने वाले समय में मुमकिन है ज्यादातर वैश्विक और राष्ट्रीय समेत क्षेत्रिय स्तर की बैठकें भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हों. ऐसे में कम्यूनिकेशन व्यवस्था को किसी एक देश में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी बेहतर बनाना है. ये माध्यम भी न सिर्फ लोगों को रोजगार दिलाने में सहायक साबित होगा बल्कि स्थानीय स्तर पर भी इससे किसी देश के विकास को गति मिल सकेगी.
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