कोरोना के बीच हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन का प्रकोप बना हुआ वही भूस्खलन ने एक बार फिर से परेशानी बढ़ा दी है। इस बार सुदूर लाहौल स्पीति जिले में भूस्खलन के दौरान चेनाब नदी का बहाव ही रुक गया। यह प्रदेश की सबसे बड़ी नदी है, जिसे स्थानीय रूप से चंद्रभागा भी कहा जाता है। इस मामले के सामने आने के पश्चात् तेजी से राहत एवं बचाव कार्य आरम्भ किया गया तथा अब तक 2,000 व्यक्तियों को क्षेत्र से निकाल लिया गया है। समीप के कुल 13 गांवों से 2,000 व्यक्तियों को बाढ़ के संकट के चलते निकाला गया है।
Landslide on Chenab river in Lahaul & Spiti District. Upstream and downstream villages are alerted. Hon’ble Tribal Minister, CS & DGP left for the site in a helicopter. pic.twitter.com/uoSCmKn2O1
— Sanjay Kundu, IPS (@sanjaykunduIPS) August 13, 2021
वही हिमाचल सरकार के एक अफसर ने कहा कि लाहौल स्पीति के जसरथ गांव के पास भूस्खलन हुआ तथा बड़े स्तर पर मलबा नदी में जा गिरा। इसके चलते नदी का प्रवाह रुक गया है। नदी का बहाव रुकने के कारण क्षेत्र में झील बनने का संकट उत्पन्न हो गया है तथा किसी भी प्रकार के संकट से बचने के लिए व्यक्तियों को निकाला जा रहा है। जिला प्रशासन ने निचले क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों से आसपास के ऊंचे इलाकों में जाने की अपील की है।
फिलहाल जिला प्रशासन के अतिरिक्त एसडीआरएफ की टीम बचाव के काम में लगी हुई है। नदी का प्रवाह रुकने के चलते जसरथ गांव के पास एक झील सी बन गई है तथा आसपास की खेती की भूमि को भी बड़ी हानि पहुंची है। इसी झील में पानी निरंतर बढ़ रहा है तथा गांव के ही डूबने का संकट उत्पन्न हो गया है। यह घटना शुक्रवार को प्रातः हुई, जब भूस्खलन के चलते चेनाब नदी का प्रवाह पूर्ण रूप से थम गया। जिला प्रशासन ने नदी के बहाव को फिर से आरम्भ करने के लिए सेना के विशेषज्ञों की मांगी है। अगर पानी का बहाव ठीक वक़्त पर आरम्भ नहीं हुआ तो फिर क्षेत्र में बड़ी हानि हो सकती है।
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