इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक बुजुर्ग विधवा महिला ने कलेक्टर का आभार व्यस्त करते हुए कहा, उन्होंने बहुत बड़ा टेंशन दिमाग से उतार दिया। अब मैं आराम से ऊपर जा सकती हूं। यह पूरी घटना आड़ा बाजार में देखने को मिली। बीते 22 वर्षों से बुजुर्ग महिला तथा उनका परिवार न्याय की लड़ाई लड़ रहा था।
वही 22 वर्ष पहले महिला के पति प्रभाकर महाड़िक ने भाड़ा नियंत्रक अफसर के पास न्याय की गुहार लगाई थी। न्याय प्राप्त होने का रास्ता देखते पति का देहांत हो गया लेकिन इंसाफ नहीं मिला। प्रभाकर ने अपने मकान के आगे वाले भाग में 77 स्क्वेयर फीट की दुकान पुरुषोत्तम पुराणिक को किराए पर दी। पुराणिक यहां किराना दुकान चलाने लगे। लेकिन न तो वह किराया दे रहे थे, न ही दुकान खाली कर रहे थे।
दरअसल, प्रभाकर महाड़िक के देहांत के पश्चात् उनकी पत्नी सुनयना महाड़िक कई वर्षों से न्याय के लिए कलेक्टर दफ्तर के चक्कर लगाती रही। कई कलेक्टर आए तथा चले गए। न्याय की उम्मीद लिए कुछ समय पहले वृद्ध महिला कलेक्टर मनीष सिंह से मिली तथा अपनी पूरी बात उन्हें बताई। वृद्ध महिला ने यह भी बताया कि किराएदार पुरुषोत्तम अक्सर उनके साथ बुरा बर्ताव करता है। वृद्ध महिला का दर्द सुन कलेक्टर एक्शन में आए तथा संबंधित अफसरों को निर्देश दिए। SDM मुनीष सिकरवार ने दुकान खाली करने का आदेश कुछ दिनों पहले जारी भी किया, किन्तु किराएदार ने दुकान खाली नहीं की। इस पर SDM मुनीष सिकरवार, एसडीएम अक्षय सिंह मरकाम, तहसीलदार लोकेश आहूजा व जिला प्रशासन की टीम आड़ा बाजार पहुंची तथा कार्रवाई करते हुए किराएदार से दुकान खाली कराकर दुकान का कब्जा वृद्ध महिला को सौंपा।
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