बालाघाट: मध्य प्रदेश के बालाघाट में एक चाचा को 2 सगी भतीजियों के क़त्ल के अपराध में फांसी की सजा सुनाई है। बालाघाट जिले की वारासिवनी न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने 3 वर्ष की बच्ची का क़त्ल और 5 वर्षीय बच्ची से बलात्कार और हत्या के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई है। 2 वर्ष पहले तिरोड़ी थाना क्षेत्र में एक ताऊ (चाचा) ने अपनी दो सगी मासूम भतीजियों से जादू टोना के चक्कर में बलात्कार एवं फिर दोनों का क़त्ल कर शव नहर में फेंक दिया था। इस मामले में अदालत ने आरोपी ताऊ को फांसी की सजा सुनाई है।
वही 2 वर्ष पहले बालाघाट जिले के तिरोड़ी थाना के चिटकादेवरी के रहने वाले गजानंद सोनवाने की 5 वर्षीय एवं 3 वर्षीय बेटियों का शव राजीव सागर बांध के कुड़वा नहर से बरामद किया था। बच्चियों को उसका चाचा गिरधारी सोनवाने एक दिन पहले अपने साथ लेकर गया था। घटना के 12 घंटे पश्चात् ही आरोपी चाचा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। 4 अप्रैल 2022 की सोमवार को बच्ची गायब हो गई थी। वह देर शाम तक नहीं लौटी तो परिजनों ने इसकी खबर महकेपार पुलिस चौकी को दी थी। परिजनों ने पुलिस को बताया था कि बच्चियों को अंतिम वार उसके चाचा गिरधारी सोनवाने के साथ जाते हुए गांव के एक व्यक्ति ने देखा था। फिर पुलिस ग्रामीणों के साथ बच्चियों की तलाश में जुट गई। पूरी रात तलाशने के बाद भी दोनों बच्चियां नहीं मिली।
5 अप्रैल को दोनों बच्चियों का शव कुड़वा नहर से बरामद किया गया था। जबकि बच्चियों को साथ ले जाने वाला चाचा गिरधारी गायब था। पुलिस को तहकीकात के चलते पता चला कि गिरधारी ने जादू टोने के चक्कर में पहले अपने भाई की 3 वर्षीय बेटी का पत्थर मारकर क़त्ल कर दिया। तत्पश्चात, उसने दूसरी बच्ची के साथ गंदा काम और फिर उसका भी क़त्ल कर दिया। दोनों शव को उसने नहर में फेंक दिया। अदालत ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर दोषी पाते हुए अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई है।
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