कोलकाता: देश भर में इन दिनों दुर्गा पूजा की धूम है। जी हाँ और कई शहरों में एक से बढ़ कर एक पंडाल बने हुए हैं। हालाँकि कोलकाता का दुर्जा पूजा हमेशा की तरह बेहद खास होता है। जी हाँ और इस बार कोलकाता में एक से बढ़कर एक मूर्तियां स्थापित की गई है। हालाँकि यहाँ सोवाबाजार बेनियाटोला में दुर्गोत्सव के 78 साल पूरे हो गए हैं। इसी को देखते हुए मौके को खास बनाने के लिए बेहद खास मूर्ति तैयार की गई है। जी दरअसल यहां इस बार अष्टधातु की मूर्ति बनाई गई है। बताया जा रहा है इसका वजन 1000 किलोग्राम है और इसी के साथ ही ये मूर्ती 11 फीट ऊंची भी है। दावा किया जा रहा है कि अष्टधातु की ये मूर्ति अब तक की सबसे भारी मूर्ति है।
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आपको बता दें कि पंडाल को बनाने में 25 से ज्यादा कारीगरों ने दिन रात मेहनत की है और करीब 35 लाख रुपये की लागत से इस मूर्ति का निर्माण किया गया है। जी हाँ और प्रसिद्ध मूर्तिकार मिंटू पाल को इस पूरे प्रोजेक्ट का जिम्मा सौंपा गया था। आप सभी को बता दें कि हर साल कोलकाता में नए थीम पर पंडाल और दुर्गा मूर्तियों को तैयार किया जाता है।
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जी हाँ और समिति के संयुक्त सचिव विश्वजीत डॉन ने कहा, ''हम कोलकाता की विरासत की पूजा को पारंपरिक पहलुओं से आगे बढ़ा रहे हैं, इस साल की थीम को ‘आदिर आहवान’ कहा गया है। नई पीढ़ी की पूजा के साथ पुराने ‘बोनेडियाना’ को दर्शाते हुए और सम्मान, प्यार, खुशी और तृप्ति देते हुए “आदिर आहवान” मूर्ति कलाकार मिंटू पॉल, प्रफुल्ल राणा, पंडाल कलाकार सुदीप्तो कुंडू चौधरी हैं।'' दुर्गा पूजा भारतीय संस्कृति का एक अविभाज्य हिस्सा बन गई है। वहीं हिंदू पौराणिक कथाओं का मानना है कि देवी अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए इस समय अपने सांसारिक निवास पर आती हैं। आपको पता हो बंगाली समुदाय के लिए दुर्गा पूजा सबसे बड़ा त्योहार है और इस वर्ष विजयादशमी 5 अक्टूबर को है।
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