आप सभी को बता दें कि ज्योतिषियों के अनुसार दुर्गा सप्तशती के सिद्धमंत्र वह मंत्र कहे जाते हैं जो देवी मां को समर्पित कर दिए जाते है इसका मतलब है कि दुर्गा जी को नमन करते हुए उनकी शरण में जाने के बाद उनके सिद्ध मंत्रो का जाप करना जरुरी है क्योंकि ऐसा करने से शक्ति रूपा मां प्रसन्न होकर अपने भक्तों को इच्छित फल दे देती हैं. इसी के साथ यह भी जान लीजिए कि दुर्गा सप्तशती के सिद्ध-मंत्र विभिन्न प्रकार के होते है, आपकी अनेक समस्याआें के निदान के लिए उनके मंत्र होते हैं और हर मन्त्र से केवल एक समस्या का हल निकल पता है. मान्यता है कि इन मंत्रो का कम से कम 11, 21, 51 अथवा 108 बार जाप करने से ही मानव को उसकी मनोकामना पूर्ति का वरदान मिलता है. तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे मंत्र जिन्हे जपने से समस्या का हल होता है.
1- आपत्त्ति उद्धारक मंत्र: शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे। सर्वस्यार्तिहरे देवी नारायणि नमो स्तुते ॥
2- भयनिवारक मंत्र: सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते। भये भ्यस्त्राहि नो देवी दुर्गे देवी नमो स्तुते ॥
3- पापनाशक मंत्र: हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत्। सा घण्टा पातु नो देवी पापेभ्यो नः सुतानिव॥
4- रोगनाशक मंत्र: रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान्। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति॥
5- महामारी नाशक मंत्र: जयन्ती मड्गला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमो स्तुते॥
6- शक्ति प्राप्ति के लिये मंत्र: सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि। गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमो स्तुते॥
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