होली को खुशियों और मस्ती से भरा त्योहार माना जाता है और हर साल ही सभी लोग इस मौके पर एक-दूसरे को खुशियां बांटते हैं. लेकिन हमारे देश में एक ऐसा भी गांव है जहां पिछले 100 साल से किसी ने भी होली नहीं मनाई है. जी हाँ... सुनकर भले ही आप हैरान हो गए हो लेकिन ये सच है. जहां देशभर में होली के दिन काफी धूम देखने को मिलती है वहीं इस गांव में सन्नाटा पसर जाता है. होली के दिन यहाँ ऐसा माहौल रहता है जैसे कोई मातम छाया हुआ हो.
हम जिस गांव के बारे में बात कर रहे हैं उसका नाम दुर्गापुर है, जो झारखंड के बोकारो में पड़ता है. ऐसा कहा जाता है कि इस गांव में लोग होली पर रंग नहीं खेलते, क्योंकि उनका मानना है कि ऐसा करने से गांव में भयंकर महामारी और आपदा आ सकती है. इसके साथ ही ये भी कहा जाता है कि इस 9 हजार की आबादी वाले गांव में लोग अपने स्वर्गवासी राजा के आदेशों का अभी भी पालन करते हैं. वो सभी लोग इस डर से सहमे हुए रहते हैं कि उन्होंने राजा की आज्ञा नहीं मानी तो उनका भूत गांव में आकर तबाही मचा देगा.
दरअसल इस गांव की एक एक कहानी प्रचलित भी है. यहाँ के लोग कहते हैं कि, '100 साल पहले दुर्गापुर नामक इस गांव में दुर्गा प्रसाद नाम के एक राजा का शासन था. उन्हें होली का त्योहार बेहद पसंद था, लेकिन एक रोज होली के दिन ही राजा के बेटे की मौत हो गई. उसके बाद से गांव में जब भी होली का त्योहार मनाया जाता था, वहां या तो सूखा पड़ जाता था या महामारी फैल जाती है, जिसमें सैकड़ों लोग मारे जाते थे. अंत में महामारी से तंग आकर राजा ने समस्त प्रजा को होली का त्योहार न मनाने का आदेश दे दिया.' सुनने में आया है कि इस आदेश देने के कुछ सालों के बाद ही इत्तेफाक से उस राजा की भी मौत होली के दिन ही हो गई. बस इसके बाद से ही यहां होली का त्योहार नहीं मनाने की परंपरा बन गई.
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