सागर: रविवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कुशवाहा समाज के सम्मेलन में सम्मिलित होने के लिए सागर पहुंचे थे। इस के चलते भीड़ में खड़े एक व्यक्ति ने अपने मासूम बच्चे को मंच की ओर फेंक दिया। बच्चा कुछ ही दूरी पर जा गिरा। इससे सभा में हड़कंप मच गया। हालांकि, तत्काल ही मौके पर उपस्थित सुरक्षाकर्मी ने रोते हुए मासूम को उठाकर उसकी मां को सौंप दिया। मां ने बच्चे को सुरक्षाकर्मी के हाथ से लेकर अपने सीने से लगा लिया। यह देख मंच पर खड़े सीएम ने तुरंत ही अफसरों को उस महिला की पीड़ा सुनने के निर्देश दिए। सीएम को बताया गया कि बच्चे के दिल में छेद है तथा ऑपरेशन के लिए आर्थिक मदद की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री शिवराज ने पीड़ित बच्चे के माता-पिता को आश्वस्त किया कि आपकी हर संभव सहायता की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पास ही उपस्थित कलेक्टर दीपक आर्य को फरियादी के मामले को मुख्यमंत्री आवास भेजने के निर्देश दिए। दरअसल, पेशे से मजूदर मुकेश पटेल सागर की केसली तहसील के सहजपुर गांव का निवासी है। वह अपनी पत्नी नेहा पटेल एवं मासूम बच्चे के साथ सीएम के पास सहायता मांगने पहुंचा था। जब मुकेश को मुख्यमंत्री शिवराज के पास नहीं जाने दिया गया तो उसने बच्चे को मंच के सामने लगे बेरिकेड्स के अंदर फेंक दिया। उस वक़्त मुख्यमंत्री शिवराज भी मंच पर ही थे। जैसे ही उन्होंने यह दृश्य देखा तो तत्काल ही अफसरों को दंपती की बात सुनने को कहा।
मीडिया से चर्चा में पीड़ित परिवार ने बताया, उनके बेटे के दिल में छेद है। जब वह 3 महीने का था तब इसका पता चला था। अब 1 वर्ष का हो गया है। उसके उपचार में लगभग 4 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं। अब चिकित्सक ने ऑपरेशन करवाने की सलाह दी है। इसमें ३.50 लाख रुपये का खर्च आएगा। इतनी रकम जुटाना हमारे लिए संभव नहीं है। हम यह सोच रहे हैं कि हमारे बच्चे का ऑपरेशन हो जाए। कोई हमारी सहायता नहीं कर रहा। हमें सीएम से भी मिलने नहीं दे रहे थे। पुलिसवाले इधर से उधर भेजकर परेशान कर रहे थे। इसलिए बच्चे को मंच की ओर फेंक दिया था। अब सीएम के बोलने पर अफसरों ने बुलाया तो कहा कि कल फिर से आना तब आपकी बात सुनेंगे। वही ये घटना इस समय ख़बरों में बनी हुई है।
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