नई दिल्ली: कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी पर कड़ा पलटवार करते हुए, भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने मंगलवार को कहा कि लोकतंत्र की आड़ में वंशवादी राजनीति अब ग्रहण की ओर लग रही है और सच्चे लोकतंत्र का वास्तविक उदय होने वाला है। दरअसल, खड़गे ने सोमवार को दावा किया था कि पीएम मोदी इस साल के आम चुनाव के बाद तानाशाही की घोषणा करेंगे।
खड़गे ने कहा था कि, "अगर लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सत्ता में आए तो तानाशाही होगी, कोई लोकतंत्र नहीं होगा और कोई चुनाव नहीं होगा।" इसके बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, भाजपा के त्रिवेदी ने कहा कि, "खड़गे जी, यह सच है कि भारतीय राजनीति में कई चीजों पर चर्चा हो रही है। राजवंशों की शक्ति 1947 में समाप्त हो गई, अब लोकतंत्र की आड़ में लोकतांत्रिक राजवंशों की शक्ति को चुनौती दी जा रही है और वे सोच रहे हैं कि आगामी चुनाव के बाद उनका भविष्य क्या होगा। मल्लिकार्जुन खड़गे जो कुछ भी कह रहे हैं, उसका वास्तविक अर्थ यह है कि लोकतंत्र की आड़ में वंशवादी राजनीति जिसे पिछले चुनाव में मतदाता ने खारिज कर दिया था, अब उस पर ग्रहण लगता दिख रहा है और सच्चे लोकतंत्र का वास्तविक उदय होने वाला है। जिसमें भारत के सभी युवा और सभी मतदाता एक साथ आ रहे हैं।''
सुधांशु ने आगे पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल का उल्लेख किया और कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र समाप्त हो गया था। उन्होंने कहा कि, ''जो लोग लोकतंत्र की बात करते हैं, अगर हम इंदिरा गांधी की बात करें, वह समय था जब लोकतंत्र वास्तव में समाप्त हो गया था। भारत की तीन-चौथाई आबादी को यह नहीं पता कि आपातकाल के दौरान लोकसभा का कार्यकाल 5 साल से बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया था।'' उन्होंने कहा कि, ''मौलिक अधिकार खत्म कर दिए गए थे। अगर किसी को जेल में डाल दिया गया तो वह जमानत के लिए भी आवेदन नहीं कर सकता था।''
भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि उत्तर से दक्षिण तक देखें तो 2019 के लोकसभा चुनाव में देश की प्रबुद्ध जनता ने उन लोगों की आलोचना की, जो अधिकारों के आधार पर लोकतंत्र के नाम पर राजशाही चला रहे थे। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि, "चाहे वह कश्मीर में अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार हार गया हो, पंजाब में बादल परिवार, हरियाणा में हुड्डा परिवार या सबसे बड़े नेता राहुल गांधी, ये सब चुनाव हारे हैं, जनता ने उन्हें नकारा है।"
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