नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना आयोग का कहना है कि नोटबंदी से जुड़े हर सरकारी विभाग नोटबंदी के पीछे के सभी प्रासंगिक तथ्यों एवं कारणों की जानकारी मुहैया कराए . सूचना आयुक्त श्रीधर आचायरुलु ने आरटीआई प्रार्थी रामस्वरूप के मामले में निर्णय सुनाते हुए यह बात कही. सूचना आयुक्त के इस निर्णय पर फिल्म बाहुबली का भी प्रभाव नजर आया जिसे उन्होंने निर्णय में उद्धृत किया.
गौरतलब है कि आरटीआई आवेदक रामस्वरूप ने कुल बदली गई मुद्रा, इसे बदलने वाले लोगों और मुद्रा बदलने के लिए अपने पहचान पत्र मुहैया कराने वाले उपभोक्ताओं की संख्या के बारे में पिंटो पार्क वायु सेना इलाके के डाकघर से सूचना मांगी थी.जिसमें डाक विभाग ने कहा कि उसके पास समेकित रूप में सूचना नहीं है. इस पर आवेदक ने व्यवस्था अनुसार सूचना आयुक्त को शिकायत की. इस पर सूचना आयुक्त ने सूचना मुहैया कराने का विभाग को आदेश देते हुए कहा कि सभी सरकारी प्राधिकारियों की यह नैतिक, संवैधानिक, आरटीआई आधारित लोकतांत्रिक जिम्मेदारी है कि वह नोटबंदी से प्रभावित हुए हर नागरिक को इससे जुड़ी जानकारी दे.
ख़ास बात यह है कि इस मामले में सूचना आयुक्त ने ब्लॉकबस्टर फिल्म बाहुबली का उल्लेख करते हुए कहा कि कानून के शासन में और एक लोकतांत्रिक देश में नोटबंदी जैसे सार्वजनिक मामले के चारों ओर लोहे के ऐसे किले बनाने के नजरिए को स्वीकार करना बहुत मुश्किल है, जिन्हें 'बाहुबली' भी नहीं तोड़ पाये.यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय, भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय ने नोटबंदी के पीछे के कारणों संबंधी जानकारी मांगने वाली आरटीआई याचिकाओं को खारिज कर दिया था.बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को 1000 एवं 500 रपए के पुराने नोट चलन से बाहर करने की घोषणा की थी.
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