जून और जुलाई 2022 में तापमान में इतनी वृद्धि हुई है कि यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, मिडल-ईस्ट और एशिया के कई क्षेत्रों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार कर चुका है। कई स्थानों पर तो पारे ने थर्मामीटर का रिकॉर्ड तोड़ भी तोड़ चुका है। यह जो नक्शा अभी आप देख रहे है, यह 13 जुलाई 2022 का है। जिसमे धरती के पूर्वी गोलार्ध के ऊपर सरफेस एयर टेंपरेचर भी दिखाया जा चुका है। जो 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर है।
इस नक्शे को गोडार्ड अर्थ ऑब्जरविंग सिस्टम (GOES) के ग्लोबल मॉडल से प्राप्त डेटा के साथ बनाया गया है। इन नक्शे के मुताबिक वायुमंडल में बढ़ी हुई गर्मी और स्थानीयता आधार पर तापमान भी आ गया है। नासा गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में ग्लोबल मॉडलिंग एंड एसिमिलेशन के प्रमुख स्टीवन पॉसन ने बोला है कि आप इस नक्शे में लाल रंग वाले गर्म और नीले रंग वाले ठंडे क्षेत्र स्पष्ट तौर पर देख भी देख पाएंगे।
ये है नासा द्वारा 1976 में बोला गया दुनिया की गर्मी का नक्शा। तब विश्व के कई इलाकों में नीले रंग में नजर आते है, यानी तापमान कम था।
स्टीवन ने बोला है कि इंसानों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण, ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण से जलवायु परिवर्तन हो रहा है। वैश्विक स्तर पर गर्मी बढ़ रही है। पश्चिमी यूरोप में भयानक सूखा फैल चुका है। गर्मी और सूखे की वजह से पुर्तगाल, स्पेन और फ्रांस के कुछ हिस्सों में जंगली आग फैलने लगी है। पुर्तगाल में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक तापमान भी पहुंच चुका है। यहां पर लीरिया नाम के कस्बे का 7400 एकड़ का इलाका जल गया है। पुर्तगाल के आधे हिस्से में 14 स्थानों पर जंगल की आग लगी हुई है।
चीन में तो सड़के पिघल गईं। छत टूट गए। शंघाई में तापमान 40।9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका था। वहां पर ह्यूमेडिटी में भी एकदम से बढ़ोतरी होने लगी है। सिर्फ इतना ही नहीं नासा ने 2 नक्शे और जारी कर दिए है। जिसमें 46 वर्ष में कैसे पूरी दुनिया की शक्ल भी बिगड़ चुकी है। यानी 1976 से 2022 तक कैसे नक्शा नीले से लाल होता चला जा रहा है। ये है इस साल के जून महीने का दुनिया की गर्मी का नक्शा। इसमें पूरी दुनिया लाल रंग में रंगी हुई है।
डोलोमाइट पर मामोलाडा ग्लेशियर गर्मी के कारण से से टूटा और वहां हुए हिमस्खलन में 11 हाइकर्स को मारे गए। इंग्लैंड ने पूरे देश में एक्स्ट्रीम हीट की वॉर्निंग भी देने में लगी हुई है। उत्तरी अफ्रीका के ट्यूनीशिया में हीटवेव की वजह से फसल खराब हो चुकी है। राजधानी ट्यूनिस में 13 जुलाई को तापमान 48 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। ईरान में तापमान सबसे अधिक 52 डिग्री सेल्सियस तक पार पहुंच चुका है।
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