खाने में सबसे ज्यादा लोगों को आलू ही पसंद आते हैं. आलू की कई डिश बन सकती हैं और कई सर्जरी चीज़ें खाने में मिलती हैं. सब्जियों में तो आलू डलता ही है, परांठे, पकौड़े और रायते में भी आलू का खूब प्रयोग किया जा रहा है. पर अगर आप अपना वजन नियंत्रित रखना चाहते हैं तो आलू से प्यार कुछ कम करना होगा. जी हाँ, आलू आपके फैट को बढ़ाता है और आपको मोटा बना देता है. जानिए कितनी बार खाना चाहिए आलू और इससे क्या खतरे हो सकते हैं.
आलू में मौजूद पौष्टिक तत्व
आलू में प्रोटीन, विटामिन सी , विटामिन बी , खनिज लवण और कार्बोहाईड्रेट पाये जाते हैं. केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के अनुसार आलू में विटामिन बी समूह का विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. पुराने आलू की तुलना में ताजे आलू में अधिक मात्रा में विटामिन सी होता है जो स्कर्वी रोग से बचाव करता है. एक सौ ग्राम आलू में 20 मिलीग्राम विटामिन सी पाया जाता है. पर इसके साथ ही इसमें फैट की भी मात्रा पाई जाती है.
सप्ताह में चार बार से ज्यादा न खाएं आलू
इन दिनों बाजार में आलू बहुतायत में मौजूद हैं. लोग खूब आलू खा रहे हैं. हालांकि आलू में कई तरह के पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं पर अगर आप वजन को नियंत्रित करना चाहते हैं तो आलू का सेवन सीमित मात्रा में ही करें. ज्यादा आलू खाने से डायबिटीज सहित अन्य कई रोगों को जोखिम बढ़ जाता है.
शुगर से परेशान लोगों को नहीं खाना चाहिए आलू
डायबिटीज यानी शूगर से पीडि़त लोगों के लिए यह बहुत नुकसानदेय साबित हो सकता है. दरअसल, शुगर को नियंत्रण में करने के लिए आपको आलू इनटेक पर नियंत्रण करना होगा. आलू में ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिससे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा में बढ़ोतरी होती है. शरीर में शुगर का स्तर न बढ़े इसके लिए जरूरी है कि आलू का सेवन न किया जाए.
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