लखनऊ। उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2017 की कैंपेनिंग अपने अंतिम दौर में है। ऐसे में प्रमुख नेता, स्टार प्रचारक और कार्यकर्ता अपने अपने दलों के प्रचार प्रसार में लगे हैं। ऐसे में प्रचार प्रसार को लेकर कई बार विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है तो कई बार चुनाव आयोग नेताओं के बोल और उनसे जुड़े प्रचार आयोजन पर संज्ञान ले रहा है। अब चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आज शाम 5 बजे तक एक मामले में जवाब मांगा है।
दरअसल सीएम अखिलेश यादव की 4 मार्च को भदोही में चुनावी सभा हुई थी। जिसमें कथित तौर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि वे भलेही अन्य दलों से पैसे ले लें मगर वोट साइकिल को प्रदान करें। ऐसे में इस बात को ध्यान रखते हुए चुनाव आयोग ने सुनवाई की है। गौरतलब है कि सीएम अखिलेश यादव ने भदोही के ज्ञानपुर में कहा था कि उन्होंने यह सुना है कि वोटर्स को पैसे दिए जाने चाहिए। उनका कहना था कि उन्हें यह सलाह है कि आप पैसा अपने पास रख लीजिए और साइकिल को वोट दे दीजिए।
साइकिल प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी का इलेक्शन सिंबल है। गौरतलब है कि र क्षामंत्री मनोहर पर्रिकर पर भी इस तरह की बातें करने का आरोप लगा है। कथित तौर पर रक्षा मंत्री के लिए भी यही बातें मीडिया में सामने आती रही हैं जिसमें कहा गया है कि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि कोई दिक्कत नहीं है यदि लोग अन्य दलों की रैलियों में शामिल होने के लिए पैसे ले लें मगर वोट कमल को ही करना चाहिए।
इस मामले में चुनाव आयोग ने रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के बयान पर संज्ञान ले लिया था। गौरतलब है कि विभिन्न राज्यों के चुनावों के प्रचार प्रसार में कई नेताओं की जुबान फिसलती रही है। ऐसे में दिल्ली के सीएम केजरीवाल भी निशाने पर आ गए। उन्हें चुनाव आयोग की कार्रवाई का सामना गोवा विधानसभा चुनाव के प्रचार प्रसार के लिए करना पड़ा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी यही बात लोगों से कथित तौर पर कही थी कि वे भले ही किसी और दल से पैसे ले लें और रैलियों में शामिल हों मगर वोट आम को ही किया जाना चाहिए।
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