लखनऊ। उत्तरप्रदेश में चल रहा राजनीतिक गतिरोध और बढ़ गया है। दरअसल समाजवादी पार्टी में जारी अंर्तकलह ने पार्टी के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल आज पार्टी के पूर्व प्रमुख और मौजूदा मार्गदर्शक मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचे और सपा के चुनाव चिन्ह को उन्हें देने की मांग की तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से रामगोपाल यादव द्वारा भी पहले की चुनाव आयोग से मांग की गई थी कि पार्टी का चुनाव चिन्ह उन्हें सौंप दिया जाए।
मगर इससे अलग भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारी ने कहा है कि पार्टी का चुनाव चिन्ह ही जब्त किया जा सकता है। सपा में जारी अंर्तकलह से जहां सपा के प्रचार का कार्यक्रम प्रभावित हो रहा है। तो दूसरी ओर पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई हो गई है।
उत्तरप्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सपा का राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया था इस सम्मेलन में अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया गया था लेकिन इसके बाद सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अब सपा का 5 जनवरी का अधिवेशन रद्द कर दिया है। सपा में वर्चस्व की लडई बढ़ने के आसार हैं। मुलायम सिंह यादव जब चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचे तो उनके साथ जया प्रदा, अमर सिंह आदि नेता भी थे।
समाजवादी पार्टी से प्रवीण कुमार का यूटर्न
प्रवीण कुमार हुए समाजवादी पार्टी में शामिल