नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश कर दिया है. इस सर्वे के अनुसार वर्ष 2011-12 से 2017-18 के छह वर्षों के दौरान 2.62 करोड़ लोगों को नई नौकरियां दी गई है. सर्वे के अनुसार, वर्ष 2011-12 से 2017-18 के बीच देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 2.62 करोड़ लोगों को नौकरी मिली हैं. यह आंकड़ा संगठित क्षेत्र का है.
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, नवंबर 2019 तक कुल 69.03 लाख लोगों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत ट्रेनिंग दी गई है. इतना ही नहीं, इन 6 वर्षों के दौरान महिलाओं के रोजगार में 8 फीसदी की वृद्धि हुई है. सर्वे के अनुसार, रोजगार के मामले में सरकार का ध्यान इस बात पर रहा है कि नौकरियों की गुणवत्ता में सुधार हो और इकॉनमी में संगठित क्षेत्र की नौकरियां बढ़े. इसी के तहत रेगुलर वेज या वेतन वाले कर्मचारियों का हिस्सा वर्ष 2010-11 के 18 % के मुकाबले 2017-18 में बढ़कर 23 % तक पहुंच गया.
इस दौरान कुल मिलाकर 2.62 करोड़ लोगों को नौकरियां दी गईं. इसमें से 1.21 करोड़ नौकरियां ग्रामीण इलाकों में और 1.39 करोड़ नौकरियां शहरी इलाकों में दी गईं है. इसके अनुसार अगले वित्त वर्ष यानी 2020-21 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में विकास दर 6 से 6.5 % के बीच रह सकती है. इकोनॉमिक सर्वे में बताया गया है कि वर्तमान वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट 5 % रहेगा. इसके पहले सीएसओ द्वारा जारी एडवांस आंकड़ों में भी जीडीपी दर के 5 % रहने का अनुमान जारी किया गया था.
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