नई दिल्ली: सरकार द्वारा अनस्किल्ड वर्कर्स के मिनिमम वेज 246 रुपए से बढ़ाकर 350 रुपए रोजाना करने के ऐलान के बाद शुक्रवार को देशभर में 10 ट्रेड यूनियन ने हड़ताल की. जिसमे 18 करोड़ वर्कर्स शामिल हुए. एसोचैम का दावा है कि इससे इकोनॉमी को एक दिन में 16,000 करोड़ से 18,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.
ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन कमेटी के जनरल सेक्रेटरी एसपी तिवारी ने कहा कि 18 करोड़ वर्कर्स की हड़ताल से केरल, ओडिशा, असम, त्रिपुरा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मणिपुर, हरियाणा, वेस्ट बंगाल, महाराष्ट्र,कर्नाटक और यूपी में सबसे ज्यादा असर दिखा. हरियाणा में कुछ जगहों पर हड़ताल कर रहे वर्कर्स को पुलिस ने हिरासत में भी लिया. हड़ताल से बैंकिंग, ट्रांसपोर्ट और माइनिंग सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित रहे.
बता दे की मिनिमम वेज 246 रुपए से बढ़ाकर 350 रुपए करने का एलान हुआ है. इसी का विरोध करते हुए वर्कर्स हड़ताल पर थे. वे एक साल से मिनिमम वेज बढ़ाने समेत 12 मांगें कर रहे हैं. फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने आंगनवाड़ी, मिड डे मील और आशा वर्कर्स को पीएफ और मेडिकल फैसिलिटी देने के लिए एक कमेटी बनाने की घोषणा भी की थी. इसे भी ट्रेड यूनियनों ने ठुकरा दिया.