चेन्नई: केंद्रीय जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री और DMK नेता पोनमुडी और उनके परिवार से जुड़े परिसरों पर छापेमारी कर रहा है। पोनमुडी के बेटे और लोकसभा सांसद गौतम सिगमणि की भी तलाश की जा रही है। राज्य की राजधानी चेन्नई और विल्लुपुरम में पिता-पुत्र के परिसरों पर छापेमारी की जा रही है। वहीं, सत्तारूढ़ द्रमुक ने इस कार्रवाई को "राजनीतिक प्रतिशोध" और "भाजपा द्वारा किया गया नाटक" करार दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि पोनमुडी कानूनी रूप से मामले का सामना करेंगे और यह छापेमारी बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक से पहले ध्यान भटकाने की रणनीति के अलावा कुछ नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ED छापे की निंदा की और जांच एजेंसी पर राजनीतिक दलों को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'आप ईडी के जरिए भारत जैसे महान देश को डरा नहीं सकते या नियंत्रित नहीं कर सकते।'
बता दें कि, पोनमुडी विल्लुपुरम में तिरुक्कोयिलुर विधानसभा सीट से MLA हैं, जबकि उनके बेटे सिगमणि कल्लाकुरिची सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद हैं। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला अनियमितताओं से जुड़ा है, जब पोनमुडी 2007 और 2011 के बीच राज्य के खनन मंत्री हुआ करते थे। DMK नेता पर खदान लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को 28 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था। राज्य पुलिस ने मंत्री और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के इन आरोपों की जांच के लिए एक शिकायत दर्ज की थी और सिगमानी द्वारा राहत के लिए याचिका दायर करने के बाद जून में मद्रास उच्च न्यायालय ने इस मामले में मुकदमा चलाने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
मंत्री पर अपने बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए खनन/खदान लाइसेंस प्राप्त करने का आरोप है और लाइसेंसधारियों पर अनुमेय सीमा से अधिक लाल रेत का उत्खनन करने देने का आरोप है। बता दें कि, आज ही एमके स्टालिन कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्ष की बैठक में भाग लेने वाले हैं, इसको लेकर DMK ने कहा कि वह भाजपा से मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और ED की कार्रवाई का उद्देश्य उसे 'डराना' है। पार्टी प्रवक्ता ए सरवनन ने मीडिया से कहा कि, 'यह राजनीतिक प्रतिशोध है और इसका उद्देश्य द्रमुक के संकल्प का परीक्षण करना है।'
बता दें कि, जांच एजेंसी की कार्रवाई सत्तारूढ़ द्रमुक के लिए नई मुसीबत लेकर आई है क्योंकि एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार के दो मंत्री अब मनी लॉन्ड्रिंग जांच का सामना कर रहे हैं। ईडी ने 18 घंटे की तलाशी के बाद राज्य के परिवहन विभाग में हुए नौकरी के बदले नकदी घोटाले के सिलसिले में पिछले महीने मंत्री सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार किया था। उच्च न्यायालय ने कहा कि यह मानने का आधार है कि याचिकाकर्ता ने अपराध किया है और इसलिए मुकदमे को रोका नहीं जा सकता।
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