मुंबई: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार पर ED ने बड़ा एक्शन लिया है। जी दरअसल हाल ही में ED ने ऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में पवार परिवार की 65.75 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। बताया जा रहा है इस संपत्ति में अजित पवार की पत्नी की कोरेगांव के चिमनगांव की चीनी मिल की जमीन, बिल्डिंग, मशीनें और प्लांट शामिल है। वहीँ अब राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा है कि, ''इस मामले में उन्हें ईडी (ED) की तरफ से कोई भी नोटिस नहीं मिला है। वह इस बारे में कुछ भी नहीं जानते।''
वही दूसरी तरफ ईडी का कहना है कि, ''जो भी संपत्ति उन्होंने जब्त की है, वह मेसर्स गुरु कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के पनाम पर है। इस संपत्ति को मेसर्स जरंडेश्वर सहकारी शुगर मिल को लीज पर दिया गया है।'' इसके अलावा ईडी का कहना यह भी है कि, ''शुगर मिल की ज्यादातर हिस्सेदारी मेसर्स स्पार्कलिंग सॉयस प्राइवेट लिमिटेड के पास है। ये कंपनी अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार से कनेक्टेड है।''
आप सभी को बता दें कि मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में साल 2010 में एक FIR दर्ज की थी। उसी FIR के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है और जांच हो रही है। ईडी ने कहा है कि ''साल 2010 में महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक ने जरंडेश्वर सहकारी शुगर मिल को नीलाम किया था।''
इसी के साथ ईडी का यह आरोप है कि इसकी कीमत जानबूझकर कम तय की गई थी। ईडी का कहना है कि उस समय अजित पवार महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल थे। नीलामी के दौरान इस जगह को गुरु कमोडिटी सर्विसेस लिमिटेड ने खरीद लिया था। उसके बाद इसे शुगर मिल को लीज पर दे दिया गया। ईडी ने आरोप लगाया है कि इस संपत्ति को वापस पाने के लिए अजित पवार ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर एक फर्जी कंपनी बनाई। इसी के साथ शुगर मिल के जरिए सहकारी शक्कर कारखाने के नाम पर ऑपरेटिव बैंक से 700 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया गया।
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