सहकारी बैंकों पर ईडी की टेढ़ी नज़र

सहकारी बैंकों पर ईडी की टेढ़ी नज़र
Share:

नई दिल्ली : यह बड़ी विरोधाभासी स्थिति है कि एक ओर देश की आम जनता के सामने नकद की समस्या बनी हुई है और वह नोटबन्दी के 42 दिन बाद भी अपने ही रुपयों को निकालने के लिए परेशान हो रही है, वहीं दूसरी ओर कालेधन के कुबेर अपनी काली कमाई को सफ़ेद करने की फिराक में लगे हुए हैं. इसीलिए बड़ी संख्या में 500-1000 के नोटों के साथ-साथ नए नोट भी जब्त किए जा रहे हैं.बताया जा रहा है कि कालेधन वालों की काली कमाई को बैंककर्मियों की मिलीभगत से सफ़ेद किया जा चुका है.

लेकिन आपको बता दें कि अब ऐसे बैंककर्मियों पर सरकार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, ईडी, सीबीआई समेत अन्य एजेसिंयों की नजर टेढ़ी हो गई है. कालेधन के कुबरों के साथ-साथ बैंक और बैंककर्मियों की जांच भी की जा रही है.

इसी क्रम में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने देश के सभी सहकारी बैंकों से डॉर्मेंट खाते के साथ-साथ ऋण खाते का ब्यौरा मांगा है. सरकार की प्रमुख जांच एजेंसियों को आशंका जताई है कि कालेधन वालों ने सहकारी बैंकों के माध्यम से भी अपने काली कमाई को सफेद किया है. इसीलिए नोटबंदी के बाद ईडी की टेढ़ी नजर इन सहकारी बैंकों पर पड़ गई है.

नोएडा में ATM ने पकड़े 18 लाख के नए नोट 

करना चाहते थे दूसरो की मदद, मगर खुद ही फस गए शिवराज

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -