मुंबईः महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। ऐसे में सभी दल चुनाव की तैयारियों में लगे हैं। इसी बीच महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार को करारा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग का आपराधिक मामला दर्ज किया है। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि यह घोटाला करीब 25 हजार करोड़ का है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मनी लांड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पुलिस की ओर से दर्ज एफआइआर के समकक्ष मानी जाने वाली प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है।
यह मामला मुंबई पुलिस की एफआइआर के आधार पर दर्ज किया गया जिसमें बैंक के पूर्व अध्यक्ष, महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और सहकारी बैंक के 70 पूर्व पदाधिकारियों के नाम हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी की एफआइआर में एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार का नाम दर्ज किया गया है।
पुलिस की ओर से दर्ज केस के अनुसार, क जनवरी 2007 से 31 मार्च 2017 के बीच हुए महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के कारण सरकारी खजाने को कथित तौर पर 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। आसन्न विधानसभा चुनाव को देखते है इसकी पूरी उम्मीद है कि इस मुद्दे पर जमकर राजनीति होगी। विपक्ष पहले ही सरकार पर सरकारी एजेंसियों का गलत उपयोग करने का आरोप लगाता रहा है।
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