कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजीरा बनर्जी के खिलाफ जमानती वारंट जारी हुआ है. दरअसल, कोयला तस्करी मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से कई समन जारी होने के बाद भी रुजीरा पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुईं थी, जिसके बाद उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया है.
इस मामले में जहां अभिषेक बनर्जी से जाँच एजेंसी दो दफा पूछताछ कर चुकी है, वहीं उनकी पत्नी रुजीरा समन जारी होने के बाद भी अब तक ED के समक्ष पेश नहीं हुईं हैं. ED ने अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजीरा को 21 और 22 मार्च को अपने दिल्ली दफ्तर में पूछताछ के बुलाया था. अभिषेक और रुजीरा बनर्जी ने ED के समन के खिलाफ पहले दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, मगर अदालत ने उन्हें कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया था. अभिषेक ने मांग करते हुए कहा थी कि ED को उनसे और उनकी पत्नी से कोलकाता में पूछताछ करनी चाहिए, दिल्ली में नहीं.
बता दें कि मार्च में ED के दफ्तर में अभिषेक बनर्जी पेश हुए थे. इस दौरान अधिकारियों ने उनसे आठ घंटे तक सवाल-जवाब किया था. वहीं उनकी पत्नी ED कार्यालय नहीं पहुंची थीं. उनकी पत्नी को पहली बार गत वर्ष सितंबर में समन जारी किया गया था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि कोरोना महामारी के कारण उनका दिल्ली जाना उनके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है.
क्या है मामला:-
बता दें कि CBI ने अनूप माजी, ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ECL) और अन्य अज्ञात के विरुद्ध दुर्गापुर-आसनसोल बेल्ट और बाद में झारखंड से अवैध रूप से कोयला निकालने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी. सूत्रों ने बताया है कि इन सीमावर्ती इलाकों में सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं की सहायता से करोड़ों रुपये के अवैध कोयले की तस्करी की गई. कोयला तस्करी मामले में सूत्रों ने बताया है कि अपनी जांच के दौरान ED ने पाया है कि अभिषेक बनर्जी और उनके परिवार से जुड़ी दो कंपनियों लीप्स एंड बाउंड प्राइवेट लिमिटेड और लीप्स एंड बाउंड मैनेजमेंट सर्विसेज ने आरोपी के जरिए एक निर्माण कंपनी से 4.37 करोड़ रुपये की प्रोटेक्शन फंड ली थी.
TMC सांसद अभिषेक बनर्जी के पिता अमित बनर्जी कथित तौर पर लीप्स एंड बाउंड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक हैं. वहीं, अभिषेक की पत्नी रुजीरा बनर्जी कथित तौर पर उनके पिता के साथ लीप एंड बाउंड मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड की निदेशक हैं. ED का दावा है कि मार्च 2020 में कथित कोयला तस्करी मामले के मुख्य आरोपी अनूप माजी ने एक गवाह को अरेस्ट किए गए पश्चिम बंगाल पुलिस निरीक्षक अशोक मिश्रा को पैसे देने के लिए कहा था. ED ने कथित तौर पर पाया कि कार्टन में पैक किए गए करोड़ों रुपये तक़रीबन हर दिन अशोक मिश्रा के पास ले जाया गया, जिन्होंने आगे पैसे पहुंचाए.