रिश्वतखोरी के मामले में CBI के हत्थे चढ़ा ED का आदमी

रिश्वतखोरी के मामले में CBI के हत्थे चढ़ा ED का आदमी
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रिश्वतखोरी के केस में CBI द्वारा गिरफ्तार ED अधिकारी को मुंबई की विशेष अदालत ने राहत प्रदान करते हुए तुरंत रिहा कर देने का निर्देश भी जारी कर दिया है। अदालत ने इस बारें में बोला है कि ED अधिकारी की हिरास्तगी में कई अहम बुनियादी चूक हुई और इल्जामों को अच्छी तरह से स्थापित नहीं सका। CBI ने ED अधिकारी की ट्रांजिट रिमांड की मांग करते हुए याचिका भी दर्ज कर दी गई है। लेकिन कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए ED अधिकारी को छोड़ने का आदेश भी जारी कर दिया गया है।

जानिए क्या है मामला: खबरों का कहना है कि CBI ने ED की शिमला इकाई के सहायक निदेशक विशाल दीप को रिश्वत लेने के इल्जाम में गिरफ्तार कर लिया गया है। विशाल दीप पर इल्जाम लगे गया है कि उन्होंने हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट के विरुद्ध भ्रष्टाचार के केस में चेयरमैन रजनीश बंसल को हिरासत में न लेने के लिए 1.1 करोड़ रुपये की रिश्वत की डिमांड भी की है। शिकायत मिल जाने पर CBI ने विशाल दीप को मुंबई से अपनी गिरफ्त में ले लिया गया। स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को विशाल दीप को राहत दे दी और निर्णय की प्रति गुरुवार को पेश कर दी गई है।

अदालत ने इस केस बताईं बुनियादी भूल: खबरों का कहना है कि अपने आदेश में स्पेशल न्यायाधीश BYE फड़ ने बोला है कि अभियोजन पक्ष द्वारा मामले डायरी प्रस्तुत न करना गंभीर बुनियादी भूल भी कही है। भारतीय न्याय संहिता एक्ट 192 केस की पारदर्शिता और प्रक्रियात्मक वैधता के लिए मामले डायरी को मेंटेन करना अनिवार्य बना देती है। अदालत ने बोला है कि सहायक कार्रवाई अधिकारी ने अपराधी को अपनी हिरासत में ले लिया है, लेकिन पूरक मामले डायरी में इसे नहीं लिखा गया है और उसे अदालत के समक्ष पेश नहीं किया गया है। यह एक गंभीर भूल भी है। इतना ही नहीं न्यायाधीश ने प्रक्रियात्मक अनुपालन, कार्रवाई की निष्पक्षता और अपराधी की गिरफ्तारी में कई अहम् मौलिक भूल को भी उजागर  कर दिया गया है। अदालत ने इस बारें में बोला है कि कार्रवाई अधिकारी का यह स्वीकार करना कि अपराधी को कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं दिया गया और यह गलत प्रक्रिया भी होने वाली है। कोर्ट का ये कहना है कि अपराधी अधिकारी के विरुद्ध इल्जाम अच्छी तरह से स्थापित नहीं हो पाए थे।

कई दिनों से गायब था आरोपी: कोर्ट ने ED अधिकारी को 50,000 रुपये के व्यक्तिगत पहचान बांड पर रिहा करने का निर्देश भी जारी कर दिया गया है। CBI ने दावा कर दिया गया है 22 दिसंबर, 2024 को हरियाणा के पंचकूला के पास 60 लाख रुपये की रिश्वत लेने के पश्चात दीप घटनास्थल से फरार हो चुका है और उसने अपना मोबाइल फोन तक ऑफ कर दिया है। केस की कार्रवाई से बचने के लिए अपराधी निरंतर अपने ठिकाने और मोबाइल फोन को चेंज कर देता है। सीबीआई ने इस बारें में बोला है कि कड़ी मशक्कत के पश्चात अपराधी विशाल दीप को उपनगरीय मुंबई के एक अपार्टमेंट से पकड़ लिया।

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