कोलकाता: पश्चिम बंगाल में INDIA गुट में दरार बढ़ती दिखाई दे रही है, क्योंकि कांग्रेस ने अपनी सहयोगी ममता बनर्जी के खिलाफ मांग उठाते हुए कहा है कि, राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। कांग्रेस की यह मांग, बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों और CRPF जवानों पर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) समर्थकों के हमले की प्रतिक्रिया में आई है।
पश्चिम बंगाल के प्रभारी और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य में अब कानून व्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने कहा कि अगर TMC शासित राज्य में ED अधिकारियों की हत्या भी हो जाए, तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, "ED अधिकारियों पर सत्तारूढ़ सरकार के गुंडों के हमले के बाद यह स्पष्ट है कि राज्य में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है। आज वे घायल हुए हैं, कल उनकी हत्या हो सकती है। ऐसी घटना कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।' उन्होंने कहा कि, ''हम मांग करते हैं कि पश्चिम बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।''
कांग्रेस नेता के इस बयान के बाद बदले में तृणमूल का तंज भी उतना ही तीखा था। TMC नेता कुणाल घोष ने कहा, ''अधीर रंजन चौधरी भाजपा के एजेंट हैं।'' बता दें कि, गुरुवार की रात, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के संदेशखली गांव में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम और उनके साथ मौजूद CRPF जवानों पर हमला किया गया और उसके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, जब उन्होंने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के ब्लॉक स्तर के नेता शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने की कोशिश की। पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर घटना की NIA जांच की मांग की है। वहीं, सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि, ED और CRPF पर हमला करने वालों में अवैध रोहिंग्या भी शामिल थे। ED ने भी बाकायदा एक बयान जारी करते हुए बताया है कि, जब वे छापेमारी करने जा रहे थे, तब 800-1000 लोगों की हथियारबंद भीड़ ने जान से मारने के इरादे से उनपर हमला कर दिया था, जिसमे कुछ अधिकारी घायल भी हो गए थे। घायल अधिकारी अस्पताल में भर्ती हैं। CRPF के जवानों ने किसी तरह से उन्हें वहां से सुरक्षित निकला।
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