नई दिल्ली: केंद्रीय जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज यानी शनिवार (29 अप्रैल) को विदेशी मुद्रा के कथित उल्लंघन को लेकर एडटेक स्टार्टअप BYJU'S से संबंधित सभी परिसरों की छापेमारी की कार्रवाई की. इसके बाद ED की इस छापेमारी पर BYJU'S ने अपने बयान में कहा है कि जाँच एजेंसी के अधिकारियों ने जो हमारे परिसरों की तलाशी ली है, वह एक रूटीन इंक्वायरी है. कंपनी ने कहा कि हम अधिकारियों के साथ पूर्णतः पारदर्शी रहे हैं और जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं. हमें अपने संचालन की अखंडता पर पूरा विश्वास है और हम अनुपालन और नैतिकता के हाई स्टैंडर्ड को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
BYJU'S का कहना है कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर कार्य करना जारी रखेंगे कि उनके पास सभी जरूरी जानकारी है, और हमें भरोसा है कि इस मामले को वक़्त पर और सेटिस्फेक्ट्री तरीके से हल किया जाएगा. विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत संस्थापक बायजू रवींद्रन और उनकी कंपनी ‘थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड’ से संबंधित 3 परिसरों, दो आधिकारिक और एक आवासीय परिसर की चेकिंग की गई. ED का कहना है कि कंपनी 22 अरब डॉलर में भारत का सबसे वैल्युएबल स्टार्टअप, ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म BYJU'S को ऑपरेट करती है, और टाइगर ग्लोबल, सिकोइया कैपिटल, जनरल अटलांटिक, प्रॉसस, ब्लैकरॉक और टेनसेंट समेत कई मार्की निवेशकों को इसके समर्थक के तौर पर गिनाती है.
ED द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि तलाशी और जब्ती की कार्रवाई के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक कागज़ात और डिजिटल/ऑफिशियल डेटा जब्त किए गए हैं. FEMA की तलाशी से यह भी पता चला है कि कंपनी को कथित तौर पर 2011 से 2023 की अवधि के दौरान 28,000 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश मिला था. कंपनी ने विज्ञापन और मार्केटिंग खर्च के नाम पर करीब 944 करोड़ रुपए बुक किए हैं, जिसमें विदेशी अधिकार क्षेत्र में भेजी गई राशि भी शामिल है.
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