मुंबई: जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को घंटों पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बीते बुधवार यानी 4 मार्च 2020 की रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं नरेश गोयल के विरुद्ध बीते बुधवार को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नया मामला दर्ज करते हुए पूरा दिन पूछताछ की और देर शाम उनके आवास पर जाकर सर्च अभियान शुरू कर दिया है. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत की है, जिसमें गोयल और जेट एयरवेज पर आपराधिक आरोप दर्ज किए गए हैं. एक ईडी अधिकारी ने बताया कि इससे पहले गोयल के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत जांच की जा रही थी, जिसमें उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के मुकाबले हल्के आरोप थे.
जंहा इस बात पर अधिकारी ने बताया कि गोयल को बीते बुधवार सुबह समन भेजकर ईडी ऑफिस तलब किया गया था, जहां उनसे देर शाम तक पूछताछ की गई. वहीं देर शाम एजेंसी के अधिकारी उन्हें साथ लेकर उनके आवास पर गए, जहां विभिन्न कागजातों की तलाश की गई. जेट एयरवेज के खिलाफ पिछले साल जुलाई में कॉरपोरेमेट मामलों के मंत्रालय के आदेश पर धोखाधड़ी की जांच चालू की गई थी.
जानकारी के लिए हम बता दें कि एक ट्रैवल कंपनी ने गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल के खिलाफ 46 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था और एफआईआर दर्ज कराई थी. इसी एफआईआर का वहीं सूत्रों की माने तो संज्ञान लेते हुए ईडी ने गोयल दंपती और जेट एयरवेज के खिलाफ केस दर्ज किया है. इससे पहले भी ईडी ने फेमा के तहत गोयल दंपती और उनके सहयोगियों के घरों पर छापा मारा था. इस मामले में पिछले साल सितंबर में भी ईडी के अधिकारियों ने गोयल से आठ घंटे तक लगातार पूछताछ की थी.
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