नई दिल्लीः खराब माली हालत के दौर से गुजर रही निजी क्षेत्र की विमान कंपनी जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के विभिन्न ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा था। ईडी को इन छापों में कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इन छापों से पता चला है कि गोयल ने देश और विदेश में अपनी बहुत सारी कंपनियां बनाकर टैक्स चोरी की दर्जनों योजनाओं का एक ‘ढांचा’ तैयार किया था और इससे बड़े पैमाने पर बचने वाले पैसे को विदेशों में स्थानांतरित कर दिया।
हालांकि इस रकम की सही संख्या का पता नहीं लगा है, लेकिन इतना माना जा रहा है कि गोयल ने अरबों रुपये बचाकर विदेश भेजे थे। ईडी के अनुसार, इनमें से बहुत सारी विदेश कंपनियाें को विभिन्न एयरलाइन लीज एग्रीमेंट, एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस एग्रीमेंट आदि के जरिए फर्जी और ज्यादा भुगतान किए जाने के सबूत मिले हैं। गोयल द्वारा अपने ही समूह की दुबई स्थित कंपनी को जेट एयरवेज का एक्सक्लूसिव ओवरसीज जनरल सेल्स एजेंट बनाकर इनफ्लेटिड कमीशन (एक रुपये के काम के बदले 100 रुपये के बिल का भुगतान) के जरिए करोड़ों रुपये भेजने के सबूत मिले हैं।
ईडी के अनुसार, विदेश में इन सभी कंपनियों के बैंक खातों का संचालन गोयल के पास ही होने की संभावना भी सामने आई है। प्रथम दृष्टया इन भुगतान के जरिए विदेश मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेरा) के प्रावधानों का उल्लंघन स्पष्ट दिखाई दे रहा है। जांच एजेंसी ने बताया कि प्राप्त दस्तावेजों की गहन जांच चल रही है।
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