जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन को 7वीं बार ED का समन, कोर्ट चले गए, लेकिन एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए झारखंड के CM !

जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन को 7वीं बार ED का समन, कोर्ट चले गए, लेकिन एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए झारखंड के CM !
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रांची: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित भूमि घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन जारी किया है। सूत्रों ने कहा कि सीएम सोरेन को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत मामले में उनके लिए सुविधाजनक तारीख पर ED के कार्यालय में उपस्थित होने और अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि यह सातवीं बार है जब सीएम सोरेन को एजेंसी ने समन जारी किया है। अब तक वे एजेंसी के सामने बयान देने के लिए पेश नहीं हुए हैं। 

सूत्रों ने कहा है कि, "ED ने PMLA की धारा 50 के तहत सीएम हेमंत सोरेन को सातवां समन जारी किया है और उनसे चल रहे भूमि घोटाले में उनके और साथ ही एजेंसी के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक स्थान, तारीख और समय पर अपना बयान दर्ज करने के लिए कहा है।" इससे पहले 12 दिसंबर को सीएम सोरेन को पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यवाही में शामिल नहीं हुए थे। इससे पहले बीजेपी ने समन पर लगातार अनुपस्थित रहने के लिए झारखंड के सीएम की आलोचना की थी। 

बता दें कि, सोरेन को भूमि 'घोटाला' मामले में अगस्त के मध्य में ED ने तलब किया था। हालाँकि, सीएम ने यह दावा करते हुए सम्मन को नजरअंदाज कर दिया कि वह राज्य के स्वतंत्रता दिवस समारोह में व्यस्त थे। उन्हें 24 अगस्त और 9 सितंबर को फिर से उपस्थित होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने व्यस्तताओं का हवाला देते हुए तारीखों को छोड़ दिया। इसके बाद ED ने झारखंड के सीएम को अपना चौथा समन जारी किया और उन्हें 23 सितंबर को एजेंसी को रिपोर्ट करने के लिए कहा। सीएम ने पहले धमकी दी थी कि अगर केंद्र ने उनके खिलाफ जारी समन वापस नहीं लिया तो वह केंद्र के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेंगे। एक बार तो सीएम हेमंत सोरेन ED के समन के खिलाफ हाई कोर्ट भी पहुँच गए थे, जहाँ वरिष्ठ वकील और पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने उन्हें समन से बचाने के लिए जिरह की थी, लेकिन हाई कोर्ट से उनकी याचिका ख़ारिज कर दी गई थी। 

एजेंसी को लिखे अपने पत्र में सोरेन ने कहा कि उन्होंने ED को सभी आवश्यक दस्तावेज और जानकारी उपलब्ध करा दी है। उन्होंने लिखा कि अगर ED को किसी भी जानकारी की जरूरत है, तो वह उन दस्तावेजों का हवाला दे सकती है जो उन्होंने पहले ही एजेंसी के साथ साझा किए हैं। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि ED ने अपने "राजनीतिक आकाओं" के आदेश पर उन्हें 14 अगस्त को बुलाया था।

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